अखिलेश यादव को तगड़ा झटका, ओमप्रकाश राजभर की पार्टी से गठबंधन टूटने के बने आसार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव के बहाने समाजवादी पार्टी गठबंधन में घुसपैठ कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे उसके प्रमुख सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर व सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव शुक्रवार को राष्ट्रपति पद की एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग में आयोजित रात्रिभोज में पहुंच गए। राजभर व शिवपाल के इस कदम को सपा गठबंधन में बड़ी टूट के रूप में देखा जा रहा है।
रामपुर व आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सपा की जबरदस्त हार के बाद से ही सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और सपा अध्यक्ष अखिलेश के बीच तनातनी दिख रही थी। राजभर ने उपचुनाव में सपा की हार का ठीकरा सीधे अखिलेश पर फोड़ दिया था। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की हार से अखिलेश ने कोई सबक नहीं लिया। उपचुनाव में वे एसी कमरे से बाहर नहीं निकले। इसके बाद अखिलेश ने भी पलटवार करते हुए कहा था कि उन्हें किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।
सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने राष्ट्रपति पद के विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के गुरुवार को लखनऊ आगमन पर अखिलेश द्वारा बुलाई गई विधायकों की बैठक में आमंत्रित न किए जाने पर भी नाराजगी जताई थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि ...हो सकता है कि अब उन्हें (अखिलेश यादव) हम लोगों की जरूरत न हो। पिछले कुछ समय के घटनाक्रम व बयान इस बात की तस्दीक कर रहे थे कि जल्द ही सपा गठबंधन से राजभर अलग हो सकते हैं।
शुक्रवार को एनडीए की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में दिए गए रात्रिभोज में राजभर ने पहुंचकर समर्थन के संकेत दे दिए हैं। सपा विधायक व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की भी अपने भतीजे अखिलेश से नाराजगी जगजाहिर है। उन्हें भी यशवंत सिन्हा के साथ विधायकों की बैठक के लिए नहीं बुलाया गया था, जबकि गठबंधन के दूसरे सहयोगी रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी अखिलेश के साथ मंच पर मौजूद थे।
लगातार हो रही उपेक्षा के कारण शिवपाल सिंह यादव ने भी शुक्रवार को सीएम योगी द्वारा आयोजित रात्रिभोज में मुर्मू से भेंट कर उन्हें समर्थन का भरोसा दिया। राजभर व शिवपाल का यह कदम अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सपा पर इसका असर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भी दिखाई देगा।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा कि सुभासपा ने राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर 12 जुलाई को विधायकों की बैठक बुलाई है। इसमें चुनाव में समर्थन को लेकर घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू ने लखनऊ आगमन पर ओमप्रकाश राजभर से मिलने की इच्छा जताई थी, उनका संदेश आया तो हमारे अध्यक्ष उनसे मिलने पहुंच गए। उन्होंने समर्थन मांगा है। हमारा सपा के साथ गठबंधन है इसलिए पहले अखिलेश यादव के निमंत्रण का इंतजार कर रहे हैं। यदि उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो हम 12 जुलाई को निर्णय लेंगे।