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अब यूपीडा करेगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर टोल की वसूली, प्रतिदिन 35 लाख घाटा से पीछे हटी कंपनी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. प्रतिदिन करीब 35 लाख का घाटा होने के बाद पाथ कंपनी ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। अब नए सिरे से इसके टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है। टोल वसूली अब उप्र एक्सप्रेस औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की निगरानी में होगी। राजस्थान की कोरल कंपनी को मैनपावर की जिम्मेदारी मिल सकती है।

मुहम्मदाबाद क्षेत्र के हैदरिया से लखनऊ के लिए बना पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर एक मई से टोल की वसूली शुरू है।टोल वसूली से पहले सर्वे में 12 हजार से अधिक वाहन दौड़ते मिले थे, लेकिन जिस दिन से पाथ कंपनी ने टोल की वसूली शुरू की, उस दिन से 24 घंटे में वाहनों की संख्या घटकर चार हजार के नीचे आ गई है। कंपनी को प्रतिदिन 62 लाख रुपये यूपीडा को देने थे, जबकि वसूली बामुश्किल 20 से 25 लाख ही रही। 

टोल वसूली के सात जुलाई को दो माह पूरे होने पर छूट न मिलने पर कंपनी ने टोल टैक्स वसूली से हाथ खड़े कर दिए। कंपनी ने टोल वसूली में असमर्थता का पत्र भी यूपीडा को सौंप दिया। पाथ कंपनी को दो साल का एग्रीमेंट मिला था। हालांकि शर्त के मुताबिक कंपनी कभी भी सरेंडर कर सकती है। यूपीडा ने नए दोबारा टेंडर प्रक्रिया निकाली। इस बार केवल मैनपावर देने वाली कंपनी का टेंडर लिया गया। पाथ ने दोबारा भी टेंडर डाला था, लेकिन मैनपावर के लिए 1.34 करोड़ सबसे कम बोली लगाने पर राजस्थान की कोरल कंपनी का अनुबंध तय है। हालांकि पाथ ने 1.80 करोड़ की बोली लगाई थी।

कंपनी के कर्मचारी सिर्फ टोल वसूली करेंगे और बदले में यूपीडा प्रतिमाह कंपनी को 1.34 करोड़ रुपये देगा। टोल की आमदनी से कंपनी को कोई लेना देना नहीं रहेगा।

हैदरिया से सवा तीन घंटे में लखनऊ

हैदरिया से लखनऊ तक पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की दूरी 340 किमी है। हैदरिया से फार्च्यूनर से लखनऊ पहुंचने में तीन से सवा तीन घंटे लगता है। इसमें करीब 35 सौ लीटर का डीजल व्यय होता है। इसका पौने सात सौ रुपये का टोल एक तरफ का लगता है। अखंड राय बताते हैं कि फार्च्यूनर से सुबह जाकर शाम तक लखनऊ से आसानी से लौट आते हैं।

गाजीपुर-आजमगढ़-अयोध्या वाया लखनऊ में लगता सात घंटे

एक्सप्रेसवे के अलावा आजमगढ़-आंबेडकरनगर-अयोध्या होते हुए लखनऊ से जाने में करीब सात घंटे का समय लगता है। इस रूट से फार्च्यूनर से जाने में करीब पांच हजार का डीजल खर्च होता था। हालांकि इस पर टोल नहीं है।

18 में से मात्र दो लेन चालू

हैदरिया में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली के लिए 18 लेन है। वाहनों की संख्या कम होने के कारण सिर्फ दो लेन से वाहनों की आवाजाही हो रही है। वाहन बढ़ने पर और लेन खोली जाएगी।

एक्सप्रेसवे के समानांतर सर्विस लेन से पहुंच रहे लखनऊ

यूपीडा ने एक्सप्रेसवे के किनारे सर्विस लेन बनाया है, ताकि गांव के लोगों को आवाजाही में सुविधा मिले। लखनऊ जाने के लिए वाहन चालक इसका भी इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि सर्विस लेन जगह-जगह गांवों से होकर निकल रही है। इसमें समय भी अधिक लगता है और कई रूट बदलने पड़ते हैं।

बक्सर पुल बनने के बाद बढ़ेंगे वाहन

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वाहनों की कम संख्या से चिंतित यूपीडा कारणों की तलाश में जुटा है। यूपीडा का मानना है कि बक्सर-भरौली के बीच निर्माणाधीन पुल बनने के बाद वाहनों की संख्या बढ़ेगी। अभी भारी वाहन दूसरे रूट से निकल जा रहे हैं। दूसरा यह है कि बिहार सीमा पर बलिया के भरौली से एक्सप्रेसवे की दूरी 19 किमी है, लेकिन सड़क कम चौड़ी होने के कारण बड़े वाहन नहीं आ पा रहे हैं।

मुख्यालय स्तर से नए सिरे से टेंडर निकल गया 

मुख्यालय स्तर से नए सिरे से टेंडर निकल गया है। अनुबंध की प्रक्रिया चल रही है। जुलाई में पाथ कंपनी से टोल वसूली का कार्य हैंडओवर हो जाएगा। इस बार वसूली यूपीडा की देखरेख में होगी।-एमके अनिल, प्रोजेक्ट मैनेजर पूर्वांचल एक्सप्रेवेस, यूपीडा

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