गाजीपुर में 29 बीघा फर्जी पट्टा करने वालों पर नहीं हुई कार्रवाई
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के कासिमाबाद क्षेत्र के ग्राम पंचायत सनेहुआ के सलामतपुर व महुवीबांध में 29 बीघा सरकारी जमीन की खुर्द-बुर्द करने के मामले को लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेखपाल अखिलानंद तिवारी व आरके सुमित कुमार को निलंबित कर दिया गया है, जबकि बाकी दोषियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। ग्राम प्रधान ने एसडीएम की जांच रिपोर्ट पर पर्दा डालने का आरोप लगाया है।
तहसील सनेहुआ में 29 बीघे जमीन की तत्कालीन ग्राम प्रधान व राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट की गई। आरोप है कि तत्कालीन ग्राम प्रधान ने अपने स्वजन, पंचायत सदस्य व अपात्रों को भूमि का पट्टा कर दिया। इस मामले में प्रधान संध्या सरोज ने जिलाधिकारी मंगला प्रसाद व एमएलसी विशाल सिंह चंचल से मिलकर पट्टा खारिज कर दोषियों पूर्व प्रधान, तत्कालीन लेखपाल, कानूनगो व तहसीलदार पर कार्रवाई की मांग की थी। तत्कालीन उप जिलाधिकारी कमलेश कुमार सिंह 10 सूत्रीय जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व प्रधान लाल बहादुर राम, तहसीलदार विराग पांडेय, लेखपाल अखिलानंद तिवारी, कानूनगो ने अवैधानिक एवं जालसाजी कर 29 बीघा जमीन का बंदरबांट किया गया हैं। कमलेश कुमार सिंह ने अपने रिपोर्ट में राजस्व संहिता की धारा 128 के तहत पट्टा आवंटन प्रस्ताव को निरस्त करने की संस्तुति की है। इस दौरान
ग्राम प्रधान संध्या सरोज ने बताया कि जिले का सबसे बड़ा जमीन घोटाला उपजिलाधिकारी के बिना साइन एवं दूसरे लेखपाल से मिलकर भूमि प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के नाम पट्टा कर दिया गया है। तत्कालीन कानूनगो व एसडीएम ने शपथ पत्र देकर कहा था कि उनके हस्ताक्षर नहीं है। ग्राम प्रधान का कहना है कि आज तक पट्टा निरस्त नहीं किया गया। दोषी तत्कालीन तहसीलदार व पूर्व ग्राम प्रधान पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई। लेखपाल अखिलानंद तिवारी व आरके सुमित कुमार को निलंबित कर दिया गया है, जबकि बाकी दोषियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है।