कैंसर पीड़ित की आठ दुकानों पर मुख्तार का कब्जा, जांच में हुआ खुलासा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा और उसके गुर्गों ने कैंसर पीड़ित जीनत की स्वरूप नगर स्थित आठ दुकानों पर कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं मुख्तार बाबा ने अपने बेटे के दोस्तों को भी सात दुकानों पर कब्जा करवा दिया। बाबा ने रेस्टोरेंट खोलने के लिए आठ दुकानों को तोड़कर तीन दुकानें बना लीं। इसका खुलासा पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त जांच में हुआ।
मामले की जांच रिपोर्ट एसीपी स्वरूपनगर ने जिलाधिकारी विशाख जी को सौंप दी है। डीएम की अनुमति के बाद मुख्तार बाबा और उसके गुर्गों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मुख्तार बाबा, उसका भाई मुश्ताक और अन्य दुकानदारों ने स्वरूपनगर निवासी कैंसर पीड़िता जीनत आजमी की 16 दुकानों पर सालों से कब्जा कर रखा है।
सीएम से शिकायत के बाद एसीएम षष्ठम वान्या सिंह और एसीपी स्वरूपनगर ब्रज नारायण सिंह ने जांच शुरू की थी। संयुक्त जांच में बाबा व अन्य दुकानदार आरोपी पाए गए हैं। वहीं चार दुकानदारों ने पूछताछ में कबूला था कि यह जीनत की दुकान है, जिसमें वह किरायेदार हैं। वहीं, मुख्तार बाबा के भाई मुश्ताक कई बार नोटिस के बाद भी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा। एसीपी स्वरूपनगर ने बताया कि संयुक्त जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। आदेश आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
20 साल बाद जगी दुकान वापसी की आस
जीनत ने पुलिस को बताया कि पति मुमताज अहमद ने स्वरूप नगर में भूखंड संख्या 112/338 और 112/339 के भूतल पर जीवन भर की पूंजी से वर्ष 2001 में 16 दुकानें बनवाई थी। वर्ष 2002 में मुख्तार बाबा ने चुन्नीगंज के रतन स्क्वायर अपार्टमेंट निवासी अपने छोटे भाई मुश्ताक के नाम पर 11 माह के लिए दो दुकानें ली थीं।
इसका फूड लाइसेंस भी मुश्ताक के नाम पर है। वर्ष 2002 और 2008 में दो-दो बार एग्रीमेंट तैयार कराए गए, लेकिन मुश्ताक ने हस्ताक्षर नहीं किया। इस बीच धीरे-धीरे उसने आठ दुकानों पर कब्जा कर लिया। आरोप है कि दबाव बनाने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई।
थाने में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच उनके बड़े बेटे और पति का देहांत भी हो गया। बाबा ने मौके का फायदा उठाकर अपने बेटे महमूद उमर के दोस्तों रिजवान, सलमान और इरफान को किराये पर तीन दुकानें दिलवाईं। इन्होंने मिलकर तीन और दुकानों पर कब्जा कर लिया।
बाबा जीनत की आठ दुकानों पर और बेटे को दोस्तों को छह दुकानों पर कब्जा करवा चुका था। बची हुई दो दुकानों में से वर्ष 2020 में मुख्तार बाबा, मुश्ताक और किरायेदार इरफान, सलमान, सुभाष और धनराज ने फर्जी दस्तावेज के सहारे एक दुकान का ताला तोड़कर अपने करीबी शोएब खान को भी कब्जा करा दिया। वहीं एक अन्य दुकान पर किसी वकील का कब्जा है।