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झारखंडे महादेव मंदिर है रहस्यमयी: शिव मंदिर का शिवलिंग लकड़ी या पत्थर का अब तक रहस्य - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. जमानियां क्षेत्र के ग्राम सभा सुहवल अपने एतिहासिक मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां पर भगवान शिव का एक ऐतिहासिक व पौराणिक काल का शिव मंदिर स्थित है। जो प्रादुभूर्त झारखण्डे महादेव के नाम से विख्यात है। श्रावण मास में इस अतिप्राचीन शिव मन्दिर का महत्व काफी बढ़ जाता है। आज श्रावण मास के पहले सोमवार को मन्दिर सहित पूरा इलाका बोल बम के नारों से गूंज उठा। मन्दिर में‌ महिला, पुरूष श्रद्धालुओं की कतार सुबह से ही लगी रही।

इस मन्दिर की सबसे रोचक जानकारी यह है कि‌ यह शिवलिंग लकड़ी या पत्थर का है, आज तक पता नहीं चल सका। ग्रामीणों के अनुसार, लगभग 13वीं शताब्दी के आसपास जब 'शुभवन' जो आज का सुहवल है ये गांव बसा था। उसी समय से यह मन्दिर अस्तित्व में है। किंवदन्तियों के अनुसार चौदह वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम इसी गाँव से होकर गुजरे थे।

मान्यताओं को समेटे हुए है मंदिर

ग्रामीणों ने बताया कि कामदेव मिश्र ने 13वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में शुभवन गांव की स्थापना की थी, जो आज सुहवल के नाम से जाना जाता है। लोगों का कहना है कि कालान्तर में कई बार इस मन्दिर को बनाया गया, लेकिन इसका मूल स्वरूप आज भी जस का तस है। लोगों ने बताया कि मान्यता है कि झारखण्डे महादेव मन्दिर में निवास नहीं करते, इसी कारण शिवलिंग तथा मुख्य अर्घा आज भी खुला है।

श्रावण माह में बढ़ जाती है भीड़

इस शिवलिंग पर मन्दिर का छत नहीं बना है। हाल ही में गांव के लोगों द्वारा जन सहयोग से इस मन्दिर का सुन्दरीकरण करा नया स्वरूप दिया गया । पूरे वर्ष मन्दिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। विशेषकर श्रावण के महीने में महिला,पुरूष, छोटे छोटे बच्चे आदि दर्शनार्थियों की भारी भीड़ होती है। सिद्ध स्थल होने के कारण अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन न केवल स्थनीय गांव के लोग करते हैं,बल्कि दूर दूर से आकर लोग पाठ कराते हैं। मन्दिर के पुजारी गणेश पांडेय ने बताया कि यहाँ पर्यटन के लिए अपार सम्भावनाएं हैं। बहुत प्राचीन मन्दिरो की श्रृंखला है।

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