काशी के गंगा घाटों का आपसी संपर्क टूटा, गंगा आरती और शवदाह स्थलों में बदलाव
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ते रहने के बीच अब कई प्रमुख घाटों का आपस में संपर्क टूट चुका है। गंगा का जलस्तर प्रतिदिन एक मीटर के करीब बढ़ रहा है। ऐसे में सबसे प्रमुख ललिता घाट से मणिकर्णिका मार्ग बंद हो चुका है। बाढ़ के चलते एक दो दिनों में सभी प्रमुख घाटोंं का आपसी संपर्क टूट जाएगा और गंगा का किनारे का घाट क्षेत्र पूरी तरह गंगा के प्रवाह में डूब जएगा। इसकी वजह से गंगा में सावन भर स्नान के साथ ही कांवड़ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन के साथ ही एनडीआरएफ और जल पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।
सबसे पहले शीतला घाट और मणिकर्णिका घाट का निचला इलाका होने की वजह से बाढ़ की जद में पहले आया है। यहां चौबीस घंटों में ही आपसी संपर्क टूट चुका है। जबकि दूसरी ओर गंगा आरती का स्थान भी अब बदलकर ऊंचे स्थान पर करने की तैयारियों के बीच जिला प्रशासन ने रात्रि कालीन नौकाविहार पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि बाढ़ का रौद्र रूप अगर जल्द ही सामने आ गया तो जिला प्रशासन गंगा में नौकायन पर अग्रिम सूचना तक रोक लगा देगा। इस लिहाज से गंगा में बढ़ता जलस्तर अब चुनौती देने के कगार पर पहुंच चुका है।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर
आज यानी शुक्रवार की सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 13 मिमी प्रतिघंटा बढ़ रहा है। इसकी रिपोर्ट राजघाट प्वाइंट से केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी की गई है। गंगा का जलस्तर 70.262 मीटर पर चेतावनी और खतरा बिंदु 71.262 मीटर तक है। जबकि शुक्रवार को 61.6 मीटर पर गंगा का जलस्तर दर्ज किया गया है। इस समय 10.00 मिमी पर गंगा का जलस्तर बढ़ाव पर है।