करंडा एसओ की एक-एक कारस्तानी की होगी जांच - पुलिस अधीक्षक गाजीपुर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के करंडा बीडीओ पर पिछले दिनों हुए जानलेवा हमले में भी थानाध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप सिंह की भूमिका संदेह के घेरे में रही है। थानाध्यक्ष ने बीडीओ की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में गुपचुप तरीके से सपा के ब्लाक प्रमुख आशीष यादव के चचेरे भाई और निजी सुरक्षा कर्मी को जेल भेज दिया, लेकिन जानलेवा हमले का कारण नहीं दर्शाया। उनकी कार्रवाई पर सवाल उठा कि आखिर किसके इशारे पर दोनों ने बीडीओ पर हमला किया था? लेकिन थानाध्यक्ष ने आरोपितों को जेल भेजने के बाद भी कारणों का पर्दाफाश नहीं किया।
इतना ही नहीं बीडीओ ने ब्लाक प्रमुख सहित दो लोगों के खिलाफ डरा-धमकाकर अपने पक्ष में शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराने का मुकदमा दर्ज कराया था। बावजूद इसके थानाध्यक्ष ने सारी हदें पार करते हुए कई दिनों तक इस प्रकरण को दबाए रखा। यहां तक कि मामले में मीडियाकर्मियों को भी गुमराह करते रहे। बीडीओ के जान को खतरा बताने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। मामला जब तूल पकड़ा तो प्रमुख के खिलाफ एफआइआर तो दर्ज की, लेकिन कार्रवाई के नाम अभी तक कुछ भी नहीं किया।
मिली जानकारी के अनुसार गैर जमानती धाराएं लगाने के बावजूद खुलेआम घूम रहे ब्लाक प्रमुख की गिरफ्तारी भी नहीं हुई। अभी इस प्रकरण में उनके कार्यप्रणाली पर सवाल उठ ही रहे थे कि रविवार को जमुआव निवासी अखिलेश दुबे की पड़ोसियों ने ईंट से कूंच-कूंच कर हत्या कर दी और इन्होंने हत्या जैसे जघन्य अपराध पर भी मिलीभगत कर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया। हालांकि स्वजन इनके मनसूबे को कामयाब नहीं होने दिए और न्याय के लिए प्रदर्शन करने लगे।
अंत में एसपी सिटी को स्वयं आगे आना पड़ा और मामले में तत्काल हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया, वहीं देर शाम तक तीन लोगों की गिरफ्तारी भी हो गई। इतना सब कुछ जब एसपी रोहन पी बोत्रे के संज्ञान में आया तो उनकी त्योरी चढ़ गई और उन्होंने तत्काल करंडा एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। उन्होंने पूरे प्रकरण पर जांच बैठा दी है।
बीडीओ पर जानलेवा हमले के प्रकरण में थानाध्यक्ष के स्तर पर ढिलाई बरतने की भी जांच कराई जाएगी। जांच में अगर दोषी मिले तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।- रोहन पी बोत्रे, पुलिस अधीक्षक।