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किसानों को बारिश का इंतजार, फसल को पानी की दरकार - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जनपद में बारिश नहीं होने से किसान परेशान है। धान के खेतों में दरारें फट गयी हैं। धान की रोपाई करने के लिए किसानों की ओर धान की पौध सूखने के कगार पर पहुंच गयी है। जिससे किसान परेशान है। कुछ लोगों ने धान की रोपनी तो कर दी, लेकिन अब फसल पर संकट खड़ा हो गया है। बारिश नहीं होने से धान के खेतों में पड़ी दरारें, मुरझाए पौधे व उड़ते धूल देख किसानों का कलेजा फट रहा है।

धान की रोपाई करने के लिए बारिश का किसान इंतजार कर रहे है। बीते वर्ष 2021 से इस वर्ष 2022 में धान का रकबा भी घटा है। 2021 में एक लाख 51 हजार हेक्टेअर में धान की खेती गाजीपुर में हुई थी, लेकिन 2022 में एक लाख 49 हजार हेक्टेअर में हीं धान की खेती हुई है। बारिश नहीं होने के कारण किसानों का रूझान दलहनी खेती करने का रूझान बढ़ा है। 2021 में दलहनी की खेती एक लाख 72 हेक्टेअर में हुई थी, जबकि 2022 में एक लाख 76 हजार हेक्टेअर में दलहनी की खेती हुई है। 

किसानों को महंगाई के दौर में निजी पंपसेट के सहारें धान की रोपनी व खाद का इंतजाम करने में किसानों की जेब इस कदर ढीली हो गई है कि अब धान की फसल में पानी देना उनके वश में नहीं रह गया है। सूख रही धान की फसल को बचाये रखने के लिए किसानों को कोई उपाय भी नजर नहीं आ रहा है। वर्षा नहीं हुई तो लाभ की बात तो दूर, किसानों की पूंजी भी डूब जाएगी।

किसान अन्न के लिए तरस जायेंगे। गाजीपुर के प्रगतिशील किसानों ने खेती की लागत कम करने के लिए जुताई कर धान के बीज खेतों में छिटवा दिया। कई किसानों ने सुपर सीड ड्रील से धान की बुवाई भी कर दी लेकिन भूमि में नमी नहीं रहने से धान अंकुरित होकर सूख गए। इसी तरह से दलहनी अरहर की फसल के बीज भी अंकुरित होकर तेज धूप और गर्मी से सूख रहे है।

निजी पंप सेट से धान की कर रहे रोपाई

कठवा मोड़ क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण किसान परेशान है। किसानों को उम्मीद थी की सावन माह के शुरू होते हीं बारिश होगी, लेकिन अबतक बारिश का नहीं होना किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसान धान की रोपाई निजी पंप सेट से खेतों में पानी भरकर शुरू कर दिया है। लेकिन बिजली की ट्रिपींग होने से पंप सेट लगातार नहीं चल रहा है। जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खेतों में पानी भरने के बाद पानी सूख भी रहा है। किसान ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि यदिबारिश नहीं होती है तो एक हफ्ते के अंदर धान की रोपाई सूख जाएगी। जिससे आर्थिक क्षति भी होगी। रोपाई की खेतों में भी दरार फट गए है।

सूख की रहीं धान की नर्सरी

जखनिया क्षेत्र में एक पखवारे पहले हुई बरसात से किसानों को आस लगी कि इस बार बारिश होगी। लेकिन बारिश नहीं होने से किसानों के धान की नर्सरी भी सूख रही है। जिससे किसान परेशान है। बारिश के इंतजार में किसान धान की रोपाई भी नहीं कर रहे है। किसानों का कहना है कि बारिश नहीं होने के निजी मशीन से धान की रोपाई करने से लेकर धान की कटाई तक खर्च ज्यादा पड़ेगा। जिसका लागत भी निकालना मुश्किल होगा।

बारिश का कर रहे इंतजार

करंडा क्षेत्र में अबतक धान की रोपाई शुरू नहीं हुई है। किसान धान की रोपाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे है। वहीं जिन किसानों के निजी संसाधन है, वह भी किसान धान की मौसम को देखते हुए धान की रोपाई नहीं कर रहे है। जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गयी है।

नहर में पानी छोड़ने की अपील

जमानिया के चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल से निकली छोटी नहर में पानी नहीं आने से किसानों धान की नर्सरी सूख रही है। किसानों ने सिचाई विभाग के उच्चाधिकारियों से पानी छोड़ने के लिए वार्ता भी किया, लेकिन अबतक उच्चाधिकारियों की ओर से कोई पहल नहीं किया गया है। किसान,नागेश्वर सिंह, उदय नारायण यादव, शिव मंगल यादव, सुनील यादव, मैनुद्दीन खान, आजाद खान, सुरेश कुशवाहा आदि किसानों ने नहर में पर्याप्त पानी नहीं आने परेशान है। किसानों से विभागीय उच्चाधिकारियों से अपील किया कि पर्याप्त मात्रा में नहर में पानी छोड़े, जिससे सिचाई करने में आसानी हो।

टेल तक नहीं पहुंच रहा पानी

बारिश नहीं होने से किसानों हजारों बीघा खेत परती पड़ा है। वहीं नहर का सुचारू रूप से संचालन नहीं होने से धान की नर्सरी भी सूख रही है। क्षेत्र में धान की खेती किसानों की ओर से अधिक की जाती है। वहीं कर्मनाशा नदी में लगाया गया पंप कैनाल का पानी नहर के टेल तक नहीं पहुंच रहा है। पांच सौ मीटर के बाद नहर भी सूखी पड़ी हुई है। बारिश नहीं होने से किसान धान की रोपाई नहीं कर पाएंगे। वहीं किसानों ने जिले उच्चाधिकारियों से नहर को सुचारू रूप से चलाने के लिए अपील किया।

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