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अग्निवीर के लिए अग्निपरीक्षा: फर्जी नाम-पते से सेना में भर्ती कराने वाले गिरोह ATS की रडार पर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सेना भर्ती एक बार फिर होने वाली है। इसमें बड़ी संख्या में पूर्वांचल के जिलों के युवक शामिल होंगे। सेना के साथ जुड़कर देश सेवा का गौरव हासिल करने की चाह रखने वालों को बेहतर मौका मिला है। संभावना है कि फर्जी नाम, पता से सेना में भर्ती कराने वाला गैंग भी इस मौके का फायदा उठाएगा। युवाओं को गलत तरीके से सेना में भर्ती कराने का प्रयास करेगा। यह गैंग यूपी एटीएस के निशाने पर है। उसके कई सदस्य पहले पकड़े जा चुके हैं।

कुछ दिनों पहले यूपी एटीएस की बनारस यूनिट ने मिलिट्री इंटेलिजेंस और सेंट्रल इंटेलिजेंस की मदद से पटना-बिहार से नेपाली युवक को गिरफ्तार किया था। मूलरूप से नेपाल के बांके जिला के सागर शाही ने शिवांश बालियान के फर्जी नाम और लोहता के चंदापुर के फर्जी पते से वर्ष 2015-16 में गिरोह की मदद से भारतीय सेना में भर्ती हो गया था। फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए दो और नेपाली युवक प्रेम सिंह कुंवर, मनोज बिश्नेट भी भर्ती हुए थे। इस मामले में वर्ष-2017 में लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की जांच कर रही यूपी एटीएस को जानकारी मिली थी कि एक गिरोह नेपाल के युवकों का भारतीय नाम व निवास प्रमाण पत्र बनवाकर भारतीय सेना में भर्ती करा रहा है। सेना में भर्ती हो चुके दिलीप गिरी (नेपाली नाम विष्णु भट्टराई) को 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर से गिरफ्तार किया गया था।

भर्ती में इसका सहयोग करने वाले नेपाली नागरिक चंद्र बहादुर खत्री जो फुलवरिया में किराए पर कमरा लेकर रह रहा था उसे गिरफ्तार किया गया। उसके साथियों अजय मौर्य, नागेश मौर्य और अवध प्रकाश मौर्य को भी यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। एटीएस को आशंका है फर्जी दस्तावेज के जरिए सेना में भर्ती कराने वाले गिरोह के जरिए सैनिक बनने वाले देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। अभी और कितने युवक इस तरह सेना में भर्ती हुए हैं इसकी जांच कराई जा रही है। गिरोह का नेटवर्क कहां-कहां तक है इसकी जांच भी की रही है। गिरोह नेपाल के युवकों का भारतीय की नागरिकता के साथ ही अन्य दस्तावेज आसानी से तैयार करा लेता है। एटीएस के एक अधिकारी का कहना है कि फर्जी नाम व पते से सेना में भर्ती कराने वाले गिरोह सक्रिय हैं। इसमें कुछ सरकारी कर्मचारी भी संलिप्त हैं।

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