वाराणसी में रोपवे के लिए 410 करोड़ की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से मिली मंजूरी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुरुवार को वाराणसी आगमन से ठीक पहले प्रदेश सरकार ने उनके संसदीय क्षेत्र को एक बड़ी सौगात दे दी। कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक प्रस्तावित 3.750 किलोमीटर के रोपवे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस पर 410 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
वाराणसी में लंबे समय से रोपवे के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसे पहले पीपीपी माडल पर चलाया जाना था। इसके लिए आरएफपी डाक्यूमेंट व ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई गई थी। यही नहीं इसके निर्माण के लिए छह बार सीमा विस्तार भी दिया गया, लेकिन किसी प्रकार की प्रगति नहीं हुई। इसे देखते हुए अब पर्यटन विस्तार से जुड़े इस खास प्रोजेक्ट का निर्माण नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड से कराने की सहमति बनी है।
ऐसे में रोपवे परियोजना अब नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड, वाराणसी विकास प्राधिकरण और प्रदेश सरकार के सहयोग से पूरी की जाएगी। इसके लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। अभी दो दिन पहले बनारस आए मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने भी 15 जुलाई से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए थे।
पांच स्टेशन और 30 टावर
ऐसे में रोपवे परियोजना अब नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड, वाराणसी विकास प्राधिकरण और प्रदेश सरकार के सहयोग से पूरी की जाएगी। इसके लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। अभी दो दिन पहले बनारस आए मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने भी 15 जुलाई से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए थे।
कैंट से गोदौलिया तक चलने वाले रोपवे में पांच स्टेशन होंगे। इसमें कैंट रेलवे स्टेशन परिसर, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा चौराहा, गिरजाघर क्रासिंग व गोदोलिया चौराहा शामिल हैं। कुल 3.750 किलोमीटर की परियोजना के लिए 30 टावर बनाए जाएंगे। इसमें 22 केबल ट्राली कार होंगी। प्रत्येक ट्राली कार दस व्यक्ति क्षमता की होगी।
डिजाइन में झलकेगा बनारस
पर्यटन नगरी को जाम से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से प्रस्तावित रोपवे कैंट स्टेशन से सीधे गंगा घाट तक ले जाएगा। वहीं बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन भी कराएगा। इस दृष्टि से स्टेशनों की डिजाइन में स्थानीय कला-सांस्कृतिक, धर्म-अध्यात्म का समावेश किया जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से परियोजना के राईट आफ वे में 16 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं होगा। इसके लिए जिलाधिकारी को आपत्तियां व सुझाव लेते हुए अधिसूचना जारी करनी होगी।