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सिर्फ अंगूर ही नहीं अब पीजिए आम, लीची और जामुन की शराब, यूपी आबाकारी विभाग शुरू कर रही योजना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. अंगूर से बनी शराब तो आप जानते ही होंगे लेकिन अब आम, लीची, जामुन और होप्स (इमली की एक किस्म जिसका पौधा शराब बनाने के काम आता है) से बनाई जाएगी। ऐसे में फलों से शराब बनाने की मंजूरी के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी इस उद्योग को तेजी से पंख फैलाने का मौका मिलेगा। फल उत्पादक किसानों को अच्छे दाम भी मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थित अच्छी होगी। 

प्रमुख सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण राजेश कुमार सिंह ने बताया कि नौ जुलाई को आबाकारी विभाग एक कार्यक्रम आयोजित करेगा और इसमें उद्यान व खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग के साथ-साथ शराब बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की मदद से आम किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने की कोशिश की जा रही है।

उत्तर प्रदेश में एक हजार किस्म के आम की पैदावार होती है। यहां एक साल में 45 लाख टन आम का उत्पादन होता है। देश में सबसे ज्यादा आम की पैदावार यूपी में ही होती है। अभी मथुरा में पेप्सी कंपनी ने अपना प्लांट लगाया तो आम के किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिला। आम के किसानों को और अच्छा दाम मिले इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

शराब बनाने के लिए आम का प्रयोग किए जाने से आम की मांग बढ़ेगी और किसानों को अच्छे दाम भी मिलेंगे। आम का उत्पादन और बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यूपी की राजधानी लखनऊ का दशहरी आम काफी विख्यात है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की मदद से आम किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने की कोशिश की जा रही है।

बता दें कि महाराष्ट्र और कर्नाटक अंगूर की शराब के प्रमुख उत्पादक हैं। महाराष्ट्र सरकार ने पहले से ही अंगूर से बनी शराब पर आबकारी शुल्क में छूट दे रखी है। भारत में अभी तक अंगूर ही फ्रूट वाइन बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण फल था। यूपी में अंगूर उत्पादन न के बराबर है। इसलिए यहां आम, जामुन और होप्स जैसे फलों के उपयोग से शराब का उत्पादन संभव है।

उत्तर प्रदेश इन फलों के उत्पादक राज्यों में प्रमुख स्थान रखता है। यहां फलों से शराब उद्योग के लिए कच्चा माल पर्याप्त रूप से उपलब्ध है। फलों से शराब बनने के उद्योग लगने से जहां यूपी में फल उत्पादक क्षेत्रों का विस्तार होगा, वहीं इससे रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे।

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