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ज्ञानवापी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजन और भोग के लिए अड़े, पुलिस ने किया हाउस अरेस्ट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. ज्ञानवापी में कथित रूप से मिले विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा-अर्चना को लेकर लिए गए संकल्प पर ज्योतिष व द्वारका- शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरनन्द अडिग हैं। वे विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा- अर्चन व राग- भोग के लिए संकल्पित हैं। वे इस निमित्त शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे अपने शिष्यों संग रवाना होंने की जिद में अड़े हैं। दूसरी ओर प्रशासन उन्हें रोकने के लिए तैयार है।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती के आदेशानुसार स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द की ज्ञानवापी में मिले विश्वेश्वर शिवलिंग की अर्चना व भोग-राग की घोषणा के बाद शनिवार को केदारघाट स्थित श्रीविद्या मठ में हलचल मची है। मठ पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। जिनका नाम सूची में सिर्फ उन्हीं को जाने दिया जा रहा आश्रम के अंदर। स्‍वामी जी को पुलिस ने बाहर निकलने से किया है मना, किसी को आश्रम के अंदर भी नहीं आने दिया जा रहा है। आश्रम में अंदर से लेकर बाहर तक एलआईयू व पुलिस की भारी तैनाती हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द की तरफ से विश्वेश्वर शिवलिंग की अर्चना व भोग के प्रस्थान को योजनाएं बनती रहीं। दूसरी ओर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी मठ में आये। डीसीपी काशी राजेश गौतम व एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द को मामला न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देकर मनाने की कोशिश की परन्तु स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने गुरु शंकराचार्य के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सनातन धर्म में शंकराचार्य श्रेष्ठ होते हैं। उन्हीं का आदेश हमारे लिए सर्वोपरि है।

वैसे भी प्रकट हुए शिवलिंग व अन्य देवता बालक रूप में होते हैं। उन्हें यदि कैद में रखे हुए हैं तो उन्हें भोजन अर्थार्थ भोग लगाना जरूरी होता है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि वे अंदर नहीं जाना चाहते। उनकी मंशा है कि बाबा विश्वेश्वर को भोग प्रशासन का प्रतिनिधि पुजारी ही लगाए। उन्हें आपत्ति नहीं होगी लेकिन पूजन व भोग लगना जरूरी है।

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