गंगा और सरयू नदी का बढ़ रहा जलस्तर, बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए हटाए गए तीन प्लाटून पुल
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. गंगा और सरयू का जलस्तर धीमी गति से बढ़ रहा है, इसके चलते प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें गहराती दिख रहीं हैं। प्रशासन ने संभावित बाढ़ और कटान से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। जान-माल की सुरक्षा का विस्तृत खाका खींच लिया गया है। चौकियां स्थापित करने के आदेश हुए हैं। 12 से अधिक विभागों को सुरक्षा और राहत की अलग-अलग जिम्मेदारी दी है।
इधर जलस्तर में वृद्धि के चलते लोक निर्माण विभाग ने तीन प्लाटून पुल हटा लिए हैं। गंगा में माल्देपुर और नौरंगा जबकि सरयू में सिकंदरपुर के पास पीपा पुल दिसंबर में स्थापित किए गए थे। माल्देपुर में कार्य अधूरा था, क्योंकि 20 पीपा नौरंगा स्थानांतरित कर दिए गए। पिछली बार पीपा का आवंटन जिले में कम हुआ था, इसके चलते तीन में दो पुल ही कार्यशील हो पाए थे। इन पुलों के हटाए जाने से लाखों लोगों को एक बार फिर आवागमन की समस्या झेलनी पड़ रही है। अक्टूबर 2021 में प्लाटून पुल स्थापित किए जाते हैं, लेकिन पिछली बार बाढ़ की भयावहता के चलते कार्य में देरी हुई थी।
सिकंदरपुर में बढ़ गया था पुल के टूटने का खतरा
सरयू के जलस्तर में वृद्धि से उत्तर प्रदेश और बिहार को जोड़ने वाले खरीद-दरौली गांवों के सामने बने पीपा पुल को हटा लिया गया है। कारण कि इसके टूटने का खतरा बढ़ गया था। सिंचाई विभाग के इंजीनियरों की मानें तो सिकंदरपुर में एक सप्ताह पहले 50 सेंटीमीटर जलस्तर था, जो अब बढ़कर 150 सेंटीमीटर हो गया है। पहले पानी सतह पर था, लेकिन अब धीरे-धीरे रफ्तार बढ़ रही है। यहां पिछले दिनों पुल का उत्तरी नाका क्षतिग्रस्त हो गया था। दोपहिया और चार पहिया वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया था। कर्मचारियों ने बताया कि पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो समस्या और बढ़ सकती है।
गंगा और सरयू का जलस्तर बढ़ने के कारण प्लाटून पुल को हटाने का फैसला लिया गया
गंगा और सरयू का जलस्तर बढ़ने के कारण प्लाटून पुल को हटाने का फैसला लिया गया है। अब जलस्तर सामान्य होने पर ही पुलों की स्थापना की जा सकेगी। अगर पुल नहीं हटाए जाते तो वह जरुरत से अधिक पानी बढ़ने पर बह जाते।