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ताड़ीघाट ब्रांच लाइन की रेल पटरी को जियो ग्रिड से किया सुरक्षित - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ताड़ीघाट ब्रांच लाइन की रेल पटरियों को मजबूती देने का कार्य दानापुर रेल मंडल से तेजी से किया जा रहा है। ब्रांच लाइन के वायरलेस मोड़ से सोनवल तक रेल पटरी जियो ग्रिड से कवर किया जा रहा है। पहली बार इस तकनीक का प्रयोग ब्रांच लाइन पर किया जा रहा है। 

पटरियों को मजबूती देने और ट्रेनों को तेज गति से दौड़ाने के लिए रेलवे ने जियो ग्रिड की मदद ली है। बरसात के समय पटरियों के मध्य पानी न भरे, इसके लिए यह तकनीक कारगर साबित हो रही है। वायरलेस मोड़ के आगे से सोनवल तक जगह-जगह रेलवे ट्रैक में जियो ग्रिड का प्रयोग किया जा रहा है। इससे ट्रैक को मजबूती मिलने के साथ ही वर्षा में पटरियों के धंसने का खतरा कम रहेगा। इससे ट्रैक के रखरखाव में मदद मिलेगी। 

रेल पटरी को उठाकर की जा रही सफाई

दिलदारनगर स्टेशन से सोनवल तक 14 किमी ताड़ीघाट ब्रांच लाइन रेल पटरी को ब्लास्ट क्लीनिंग मशीन (बीसीएम) से उठाकर पटरी के नीचे की गंदी गिट्टी को मशीन से साफ किया जा रहा है। इसके बाद गिट्टी को स्लीपर के नीचे डालकर रेल पटरी को ऊंचा किया जा रहा है। ब्रांच लाइन में पुरानी पटरी व कंक्रीट के स्लीपर को बदल कर उसकी जगह 60 किलो की नई पटरी व गिट्टी डाल कर बेहतर रेल परिचालन के लिए बना दिया जाएगा। यह कार्य 15 दिनों तक होगा।

यह है जियो ग्रिड

यह एक फाइबर नुमा जाली होती है, जो पालिमर फाइबर की बनी होती है। इसे पटरी पर गिट्टी के नीचे बिछा दी जाती है। इससे ग्रिड मिट्टी को पकड़कर रखती है। इसे ब्लास्ट क्लीनिंग मशीन (बीसीएम) से बिछाया जा रहा है। जियो मतलब ‘भू’, जियो ग्रिड यानी जमीन के संपर्क में आने वाली एक खास जालीनुमा आकृति, जिस पर मिट्टी, पानी, जंग का दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। गिट्टी और स्लीपर के बीच टेक्सटाइल की जाग्रिड बिछाई जा रही है, जो जियो ग्रिड कहलाती है।

इससे जंग नहीं लगती है। ग्रिड मिट्टी को पकड़कर रखती है। पटरी व गिट्टी की पकड़ मजबूत होने के कारण ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ेगी व रेलवे ट्रैक को मजबूती मिलेगी। ग्रिड बरसात का पानी व काली मिट्टी का भराव भी नहीं होने देगी। 

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