गाजीपुर में नाली के विवाद में पीट-पीटकर वृद्ध की हत्या, 7 घायल, SP भी पहुंचे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के जमानियां के बघरी गांव में शनिवार की देर शाम दो पक्षों में नाली को लेकर हुए विवाद में रामबचन कुशवाहा (80) की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वहीं दोनों पक्षों से सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। देर रात में ही पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह घटना स्थल पर पहुंचे और दो पक्षों से पूछताछ करने के साथ ही हत्यारोपितों को शीघ्र गिरफ्तार करने का निर्देश जमानियां कोतवाल को दिया। रामबचन के पुत्र मुन्ना की तहरीर पर रमाशंकर, जयप्रकाश, जयहिंद, अभिषेक व झिल्लू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच-पड़ताल में जुट गई है।
बघरी गांव के रामबचन व रमाशंकर कुशवाहा के बीच नाली का विवाद लंबे समय से चल रहा है। शनिवार की शाम रमाशंकर व उनके पुत्र रामबचन की जमीन में पानी गिराने के लिए जबरन नाली बना रहे थे। मना करने पर रामबचन व उनकी बहू व पत्नी को मारने-पीटने लगे। देखते ही देखते दोनों लोगों का परिवार लाठी-डंडा लेकर आमने-सामने हो गया, इस दौरान जमकर ईंट-पत्थर भी चले। इसमें एक पक्ष से रामबचन कुशवाहा, इनकी पत्नी माना देवी (75), बहु मंजू (40) तथा संदीप (19) व दूसरे पक्ष से रमाशंकर कुशवाहा (45), जयप्रकाश कुशवाहा (40), अभिषेक (33) व नीतीश (20) भी गंभीर रूप से घायल हो गए। सिर में चोट लगने से रामबचन की हालत गंभीर थी। जिला अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने रामबचन को मृत घोषित कर दिया।
रामबचन के चार पुत्र मुन्ना, रामविलास, राधेश्याम, राजकुमार हैं। पति की मौत से पत्नी माना देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के बाद रामबचन के घर पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। वहीं दूसरे पक्ष से रमाशंकर की पत्नी ऊषा देवी का आरोप है कि पुरानी रंजिश को लेकर हमारी नाली को रामबचन व उनकी बहू मंजू देवी ने मिट्टी डालकर पाट दिया, मना करने पर मारपीट करने लगे। कोतवाल वंदना सिंह ने बताया कि नाली के विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हुई। रामबचन के पुत्र मुन्ना की तहरीर पर पांच के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
2013 से ही चल रहा विवाद
रामबचन व रमाशंकर कुशवाहा के बीच वर्ष 2013 से ही नाली का विवाद चल रहा है। तीन वर्ष पूर्व कोतवाली में पुलिस प्रशासन की ओर से दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया गया था, शनिवार को फिर दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए और इसमें रामबचन की हत्या हो गई।