राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान की अंतिम विदाई - Ghazipur News
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के खानपुर थाना क्षेत्र के मौधा बाजार निवासी सीमा सुरक्षा बल में तैनात सतीश सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार को पैतृक गांव लाया गया। शुक्रवार को मेघालय में ड्यूटी के दौरान बारिश के बीच भूस्खलन होने से दबने से उनकी जान चली गई थी। परिजनों को सूचना के बाद सोमवार को सेना के अ गांव के धिकारी जवानों के साथ उनका पार्थिव शरीर लेकर पैतृक गांव पहुंचे। पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही एक तरफ जहां परिजन उससे लिपटकर बिलखने लगे, वहीं मिट्टी के लाल के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोगों का तांता लग गया। राजकीय सम्मान के साथ सैदपुर के जौहरगंज श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मेघालय राज्य में ड्यूटी के दौरान भारी वर्षा से हुए भूस्खलन से खानपुर क्षेत्र के मौधा गांव निवासी बीएसएफ के जवान सतीश कुमार सिंह डब्लू (40) शहीद हो गए थे। सेना की ओर से बताया गया कि सतीश सिंह बीएसएफ कैंप में लेटे थे, उसी समय हल्की बरसात के बाद पहाड़ों से मिट्टी का भूस्खलन शुरू हो गया। पहाड़ों से गिरी बड़ी मात्रा में मिट्टी से टेंट पूरी तरह से दब गया और सतीश भी इसकी चपेट में आ गए। जब तक सुरक्षा बल के जवानों ने मिट्टी को हटाया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया तो पार्थिव शरीर को विमान से वाराणसी लाया गया।
सोमवार को वाराणसी से सेना के वाहन पर पार्थिव शरीर लेकर आते सैन्य अधिकारियों को जिले की सीमा पर सैकड़ों लोगों ने रिसीव किया। सेना के अधिकारी जवानों के साथ तिरंगा में लिपटा हुआ बीएसएफ के जवान का पार्थिव शरीर लेकर घर पहुंचे। अधिकारियों के साथ ही अन्य सैकड़ों लोगों ने पार्थिव शरीर पर पुष्पाजंलि अर्पित कर शहीद को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इसके बाद हजारों लोगों की मौजूदगी में बीएसएफ के जवान सतीश की अंतिमयात्रा निकली। फूलों से सजे वाहन के साथ मौधा से यात्रा सौना, शिवदाशपुर, पोखरा मोड़, अनौनी, ददरा, बिहारीगंज, औड़िहार होते हुए रामतवक्का घाट जौहरगंज श्मशानघाट पहुंची। यात्रा में शामिल लोग तिरंगा लहराते हुए और भारत माता की जय आदि गगनभेदी नारा लगाते चल रहे थे।
घर पर मौजूद सैकड़ों लोग भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक सतीश भैया का नाम रहेगा, देखो-देखो कौन आया गाजीपुर का शेर आया आदि गगनभेदी नारे लगाने लगे। इस दौरान देशभक्ति वातावरण के बीच तमाम लोगों की आंखें छलछला गई। पत्नी विजय लक्ष्मी, पुत्र शिवांग, मां कांति देवी और पिता इंद्रजीत सिंह शव से लिपटकर बिलखने लगे। मौजूद लोग उन्हें सांत्वना देने में जुट गए। जौहरगंज श्मशानघाट पर सेना के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया और राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि बड़े बेटे शिवांश ने दी और सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से नमन किया।
इस दौरान पिता इंद्रजीत सिंह, शिवांग सहित उपजिलाधिकारी ओमप्रकाश गुप्ता, क्षेत्राधिकारी सैदपुर बलिराम, थानाध्यक्ष खानपुर संजय मिश्रा, थानाध्यक्ष बहरियाबाद संदीप कुमार समेत चौकी प्रभारी मौधा आशुतोष शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, दयाशंकर पांडेय, प्रवीण सिंह, जिलामंत्री संतोष चौहान, अच्छेलाल गुप्ता, मंडल अध्यक्ष श्याम कुंवर मौर्या, सभाजीत विश्वकर्मा, महेंद्र प्रताप सिंह, शिव प्रसाद गुप्ता, बाबूलाल यादव, तेज नारायण चौहान, राधाविनोद, कृष्णमोहन पांडेय, बेचू बिंद, माधवेंद्र सिंह, संजीव पांडेय, अचल सिंह, संतोष भारद्वाज सहित भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, प्रशासनिक अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर अंतिम दर्शन किए।