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अग्निपथ योजना भारतीय सैन्य इतिहास में स्वर्णिय अध्यायः CM योगी आदित्यनाथ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने भारतीय सेनाओं में 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती वाली 'अग्निपथ' स्कीम को मंजूरी दे दी। मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका ऐलान किया। इसमें भारतीय युवाओं को 'अग्निवीर' के तौर पर सेवा का मौका दिया जाएगा। सीएम योगी ने योजना की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी का आभार जताया है।

सीएम योगी ने कहा कि देश की युवा शक्ति को 'अग्निवीर' के रूप में मां भारती की सेवा का अवसर प्रदान करने जा रही 'अग्निपथ योजना' भारतीय सैन्य इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय का सृजन करेगी। सशस्त्र बलों के सामर्थ्य में अभिवर्धन हेतु लिया गया यह निर्णय अभिनंदनीय है।

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश की सुरक्षा के सुदृढ़ीकरण व युवाओं को मिलिट्री सर्विस का सुअवसर प्रदान करने के लिए 'अग्निपथ योजना' शुरू करने का निर्णय अत्यंत सराहनीय है। मां भारती की सेवा को उत्सुक देश के असंख्य युवाओं की ओर से प्रधानमंत्री का आभार।

सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा कि प्रधानमंत्री के रचनाधर्मी नेतृत्व में 8 वर्षों में देश के युवाओं के सपनों को नई उड़ान मिली है। इसी क्रम में उन्होंने आगामी 1.5 वर्षों में 10 लाख नौकरी देने की घोषणा कर युवा शक्ति के उन्नयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से प्रकट किया है।

देश की सुरक्षा मजबूत होगी, युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने योजना के बारे में बताया था कि इससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। देश का हर युवा जीवन में सेना की भर्ती का सपना देखता है। इस अग्निपथ योजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को अन्य क्षेत्रों में जाने के भी अच्छे अवसर मिलेंगे।

यही नहीं सेनाओं को भी हाई स्किल रिसोर्स मिल सकेगा। अग्निवीरों के लिए एक अच्छा पे-पैकेज मिलेगा। इसके अलावा एग्जिट के वक्त अच्छी रकम दी जाएगी। 

शहादत पर अग्निवीर के परिवार को मिलेंगे 1 करोड़ रुपये

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि यदि अग्निवीर सेवा के दौरान सर्वोच्च बलिदान देता है तो उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। इसके अलावा दिव्यांग होने की स्थिति में 48 लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जाएगी।

PBOR रैंक से नीचे के अधिकारियों की भर्ती

अग्निपथ मॉडल के तहत सेना में (PBOR) रैंक से नीचे के अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। 4 साल की सेवा में 6 महीने की ट्रेनिंग अवधि भी शामिल है। अग्निपथ के जरिए सेना का हिस्सा बने सैनिकों को प्रति माह 30 हजार से 40 हजार रुपये तक सैलरी मिलेगी। साथ ही इन्हें 48 लाख रुपये का इंश्योरेंस मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि सैनिकों को 'अग्निवीर स्किल सर्टिफिकेट' भी मिलेगा, जो उन्हें सेना की सेवा के बाद अन्य नौकरी हासिल करने में मदद करेगा।

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