बनारस में रोपवे के लिए GPR सर्वे पूरा, विभागों से रास्ते में निर्माण के दौरान आने वाले खर्च का मांगा ब्योरा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी विकास प्राधिकरण ने शहर में प्रस्तावित रोपवे निर्माण में आने वाली एक और बाधा को दूर कर लिया है। ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे का काम पूरा होने के साथ जलकल, स्मार्ट सिटी, गेल, जल निगम, नगर निगम, टेलीकाम और बिजली विभाग को पत्र भेजकर रास्ते में निर्माण के दौरान आने वाले खर्च का ब्योरा तीन दिन के अंदर मांगा है जिससे आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सके। रोपवे निर्माण के प्रोजेक्ट आफ प्रपोजल (आरओपी) 461.19 करोड़ रुपये में संबंधित विभाग से आने वाले खर्च का बजट जोड़ा जाएगा। हालांकि, आने वाले खर्च को पहले से शामिल किया गया लेकिन यह राशि बढ़ व घट सकती है। वीडीए ने 29 जून तक टेंडर आवेदन करने की अंतिम तिथि रखी है और 30 जून को निविदा खुलेगी।
एनएचएआइ की नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड की ओर से फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने और मुख्यमत्री से हरी झंडी मिलने के साथ विकास प्राधिकरण ने टेंडर निकाल दिया है। उसके साथ ही वीडीए एक-एक बाधाओं को दूर करने के साथ संबंधित विभागों की सहमति लेना शुरू कर दिया है जिससे निविदा खुलने के बाद कोई परेशानी नहीं हो। उसके साथ ही टेंडर में चयनित एजेंसी फाइनल डीपीआर तैयार करेगी।
जमीन के अंदर कहां-क्या है
जीपीआर सर्वे के जरिए वीडीए ने जमीन के अंदर कहां-कहां सीवर व पेयजल पाइपलाइन, टेलीकाम व बिजली के केबल, गेल व जलनिगम के पाइप आदि के बारे में जानकारी हासिल की है। संबंधित विभाग सर्वे को देखने के बाद उसे शिफ्ट या बदलने में कितना खर्च आएगा इसके बारे में जानकारी देंगे। इतना ही नहीं, ओवरहेड तारों को हटाने में आने वाले खर्च का ब्योरा मांगा है।
स्टेशन जमीन की मांगी वस्तु स्थिति
फीजिबिलिटी रिपोर्ट में पांच स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं जिसमें पहला स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन, उसके बाद काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर पर क्रासिंग, जोकि टर्निंग स्टेशन होगा तथा अंतिम स्टेशन गोदौलिया पर प्रस्तावित किया गया है। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से प्रस्तावित रोपवे स्टेशन के जमीन के बारे में ब्योरा मांगा है, वहां जमीन सरकारी है या निजी जिससे आगे की कार्रवाई करने में आसानी हो।
संबंधित विभाग से तीन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई
जीपीआर सर्वे का काम पूरा होने के साथ संबंधित विभाग से तीन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है जिससे आने वाला खर्च मालूम चल सके। प्रस्तावित स्टेशन के जमीन के बारे में राजस्व विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है।-ईशा दुहन, उपाध्यक्ष-वीडीए