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मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में दो लड़कों को सर्जरी करके बनाया लड़की - Lala Lajpat Rai Memorial Medical College Meerut

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज (Lala Lajpat Rai Memorial Medical College, Meerut (LLRMMC)) के सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक में चिकित्सा नए मानकों को छू रही है। सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. सुधीर राठी की अगुआई में माहभर में दो लड़कों को लिंगारोपण कर लड़की बना दिया गया। दोनों मरीज स्वस्थ हैं। यह कैंपस में अपनी तरह का पहला आपरेशन है। उधर, हाल में एक लड़की को लड़का बनाने में सफलता मिली है।

पुरुषों वाले एक्सवाई क्रोमोसोम

डा. राठी ने बताया कि ये दोनों लड़कों में पुरुषों वाले एक्सवाई क्रोमोसोम थे, लेकिन लड़की के लक्षणों के साथ बड़े हुए। ऐसे मरीजों के गर्भाशय और अंडाशय दोनों आपस में मिले होते हैं। इनमें पुरुष हार्मोंस टेस्टेस्टेरोन और महिलाओं वाले एस्ट्रोजन समान मात्रा में उत्सर्जित होते हैं। उनके परिवार से मिलकर दोनों को लड़की बनाने की सहमति ली गई।

हार्मोन्स एस्ट्रोजन की खुराक

उन्हें महिलाओं वाले हार्मोन्स एस्ट्रोजन की खुराक दी गई, जिस पर लड़कियों वाले लक्षण बढ़ने लगे। बाद में बड़ी आंत का थोड़ा भाग लेकर उसमें रक्त आपूर्ति जारी रखते हुए इसे नीचे लाया गया। प्लास्टिक सर्जरी के जरिए निजी अंग बनाकर दोनों मरीजों में प्रत्यारोपित कर दिया गया। आंत का भाग होने की वजह से इस अंग में नमी बनी रही।

इनका कहना है

दोनों के क्रोमोसोम भले ही पुरुषों वाले मिले, लेकिन इनमें लड़कियों के लक्षण ज्यादा थे। ऐसे मरीजों में संतान पैदा करने की क्षमता नहीं होती। पहले उनके परिवार से पहले सहमति ली गई। इसके बाद उच्चीकृत चिकित्सीय पद्धति से लिंग प्रत्यारोपण करते हुए उन्हें लड़की बनाया गया।- डा. सुधीर राठी, विभागाध्यक्ष, सर्जरी विभाग, लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज (Lala Lajpat Rai Memorial Medical College, Meerut (LLRMMC))

पहले लड़की को बनाया था लड़का

मेरठ के मेडिकल कालेज के सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक में चिकित्सकों ने एक लड़की को आपरेशन से लिंग प्रत्यारोपण करते हुए लड़का बना दिया। लड़की में एक्सवई क्रोमोसोम थे, जिस वजह से उसमें पुरुषों के लक्षण थे। उसकी सहमति से लिंग प्रत्यारोपण कर दिया गया। यह पश्चिम उप्र का पहला आपरेशन है। मरीज पूरी तरह स्वस्थ है।

हार्मोंनल असंतुलन था

प्लास्टिक सर्जन डा. भानु प्रताप सिंह एवं डा. कनिका सिंगला ने आपरेशन किया। बताया कि हार्मोंनल असंतुलन की वजह से कई लड़कियों में लड़कों के लक्षण उभर आते हैं। जिस मरीज का आपरेशन किया गया, उसमें पुरुषों के क्रोमोसोम थे। मरीज का परीक्षण किया गया। एंडाक्रायोनोलोजिस्ट, साइकेट्रिस्ट व अन्य डाक्टरों की टीम बनाई गई।

एम्स और पीजीआई नहीं जाना पड़ेगा

डा. सुधीर राठी, डा. धीरज राज समेत कई अन्य विशेषज्ञों का पैनल बना। इसके बाद मरीज के हाथ से मोटी खाल निकालकर आठ घंटे के आपरेशन के बाद पतली नसों को जोड़कर लिंग रोपण कर दिया गया। प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सक कई बड़े आपरेशन कर चुके हैं। सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक के चिकित्सकों की वजह से अब मरीजों को एम्स और पीजीआई नहीं जाना पड़ेगा। डा. कनिका ने बताया कि मरीज एक माह तक निरीक्षण में रखा जाएगा।

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