गाजीपुर में पोस्टमार्टम हाउस का खराब रहता है फ्रीजर, जमीन पर पड़े रहते हैं शव
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में पोस्टमार्टम हाउस (Postmortem House Ghazipur) भी अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। हालत यह है कि फ्रीजर खराब होने से डेडबॉडी खराब होने लगती है। इसकी दुर्गंध आसपास के इलाकों में फैलती है। वर्तमान में महिला चिकित्सालय परिसर में स्थापित मोर्चरी हाउस में सामान्य तौर पर एक्सीडेंटल, आपराधिक मामलों से जुड़ी एवं लावारिस लाशों को पोस्टमार्टम पूर्व रखने के प्रयोग में लाया जा रहा है।
एक मात्र फ्रीजर खराब रहता है
इस मोर्चरी हाउस में एकमात्र फ्रीजर है जो ज्यादातर वक्त खराब ही मिलता है। सही होने पर भी किसी तरह एक या दो लाशें उसमें रखी जा पाती हैं। लाशों की संख्या अधिक होने अथवा लापरवाही वश अक्सर मोर्चरी हाउस के फर्श पर ही मृतकों के शव रखे मिल जाते हैं।
जल्द नया मोर्चरी हाउस प्रयोग में लाएंगे
इन दिनों भीषण गर्मी में बदहाल व्यवस्था के बीच शवों की दुर्गति आती है। इस मामले में सीएमओ ने पल्ला झाड़ लिया। कहा कि महिला चिकित्सालय मेडिकल कॉलेज के अधीन है। कॉलेज के प्रिंसिपल से जानकारी लें। गाजीपुर मेडिकल कॉलेज (ghazipur medical college) के प्रिंसिपल डॉ आनंद मिश्र ने बताया कि फ्रीजर खराब होने पर उसे दुरुस्त किया जाता है। वहीं, नवनिर्मित मोर्चरी हाउस को जल्द ही प्रयोग में लिया जाएगा।
लावारिस डेडबॉडी करीब 72 घंटे पड़ी रहती है
वहीं गाजीपुर जिले में लावारिस लाशों के वारिस के रूप में मशहूर समाजसेवी कुंवर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अभी प्रयोग में लाए जा रहे मोर्चरी हाउस का फ्रीजर कभी कभार ही सही पाया जाता है। फ्रीजर में डेडबॉडी न रखने से दो से तीन घंटे में डेडबॉडी से बदबू आने लगती है। मोर्चरी हाउस में एकमात्र फीजर है। सबसे ज्यादा दिक्कत लावारिस लाशों के मामले में होती है। उन्हें 72 घंटे शिनाख्त के इंतजार में रखा जाती हैं। भीषण गर्मी में बिना फ्रीजर लाशें खराब हो जाती है।
पोस्टमार्टम करना कठिन हो जाता है
पोस्टमार्टम हाउस के फार्मासिस्ट राजेश दुबे ने बताया कि भीषण गर्मी के वक्त में यदि लाशें फ्रीजर में नहीं रखी जाती हैं तो उनके अंदर जल्द कीड़े पड़ जाते हैं और उनका पोस्टमार्टम करना बेहद कठिन हो जाता है। एक तरफ जहां भीषण दुर्गंध झेलनी पड़ती है, वही जांच करने में भी काफी कठिनाई होती है।