उत्तर प्रदेश के इन कर्मचरियों का कभी भी कहीं भी तबादला कर सकते हैं CM योगी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. समूह ‘ग’ व ‘घ’ के कर्मचारी पति-पत्नी एक ही जिले, नगर और स्थान पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी कार्मिक का कभी भी कहीं भी तबादला कर सकेंगे। मुख्यमंत्री जरूरत के आधार पर नीति में संशोधन भी कर सकेंगे। समूह ‘ख’ के अधिकारियों का स्थानांतरण विभागाध्यक्ष करेंगे। आकांक्षी जिलों में दो साल की सेवा पूरी करने वाले भी तबादला पाने के हकदार होंगे। महत्वपूर्ण पदों से हटाने वालों को काम संबंधी नोट बनाकर देना होगा।
पारस्परिक तबादले भी किए जाएंगे
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बुधवार को स्थानांतरण नीति संबंधी शासनादेश जारी कर दिया है। किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को चिकित्सकीय या बच्चों की शिक्षा जैसे व्यक्तिगत कारणों के लिए मांग पर पद रिक्त होने पर स्थानांतरित किया जाएगा। इसी तरह अधिकारी या कर्मचारी की सहमति होने पर भी स्थानांतरण या समायोजन अगर आपत्ति नहीं है तो किया जा सकेगा। दिव्यांग कार्मिकों और ऐसे कार्मिक जिनके परिवारजन दिव्यांगता से प्रभावित हैं, उन्हें सामान्य स्थानांतरण से मुक्त रखा जाएगा। दिव्यांग कार्मिकों के तबादले उनके खिलाफ गंभीर शिकायत मिलने पर ही किए जाएंगे।
सेवानिवृत्त के करीब वालों को मनचाही तैनाती
सेवानिवृत्त में दो साल बचने वाले समूह ‘ग’ के कर्मियों को उनके गृह जिले में तैनाती दी जाएगी। समूह ‘क’ व ‘ख’ को उनके गृह जिला छोड़कर मनचाहे जिले में तैनाती मिलेगी। समूह ‘ग’ व ‘घ’ कर्मियों का 10 फीसदी तबादला विभागाध्यक्ष करेंगे और जरूरी होने पर इतना ही मंत्री कर सकेंगे। समूह ‘क’ व ‘ख’ के तबादले 20 फीसदी से अधिक होने पर मुख्यमंत्री की अनुमति ली जाएगी। अवधि तय करने के लिए कटऑफ डेट 31 मार्च रखा गया है। सचिवालय को इस नीति से बाहर रखा गया है। पदोन्नति, सीधी भर्ती की तैनातियां स्थानांतरण के लिए तय प्रतिशत सीमा में नहीं गिनी जाएंगी।
एक सप्ताह में चार्ज लेना होगा
स्थानांतरित कर्मियों को एक सप्ताह में कार्यभार ग्रहण करना होगा। कार्यमुक्त न किया जाना अनुशासनहीनता में आएगा। मान्यता प्राप्त संघों के पदाधिकारियों को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से दो साल तक स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। समूह ‘क’ व ‘ख’ के अधिकारी जिले में तीन साल और मंडल में सात साल होने पर स्थानांतरित होंगे। विभागाध्यक्ष व मंडलीय कार्यालयों को इस अवधि से बाहर रखा गया है, लेकिन जरूरी होने पर मंडलीय कार्यालयों में तीन साल वाले हटाए जा सकेंगे।
विभागाध्यक्षों को छोड़कर यदि समूह ‘क’ व ‘ख’ के अन्य अधिकारी स्थानांतरित होंगे। जिलों व मंडलों में तैनाती की अवधि व विभागाध्यक्ष कार्यालयों में तैनाती अवधि को अलग-अलग माना जाएगा। समूह ‘क’ को उनके गृह मंडल और समूह ‘ख’ के अधिकारियों को उनके गृह जिले में नहीं भेजा जाएगा। आठों आकांक्षी जिलों चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच के साथ प्रदेश के ऐसे 100 विकास खंडों में विभाग सभी पदों पर तैनाती करते हुए भरेंगे।