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रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी, दो रेलकर्मी गिरफ्तार- फर्जी दस्तावेज बरामद

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर.  रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर कोच अटेंडेंट से 40 हजार रुपये की ठगी करने वाले दो रेल कर्मियों को आरपीएफ व कैंट थाना पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपित चिलुआताल व बलिया जिले के उभाव क्षेत्र के रहने वाले हैं। उनके कब्जे से कूटरचित नियुक्ति पत्र, अनुमोदन पत्र व मेडिकल प्रोफार्मा बरामद हुआ।

हरदोई जिले के तड़यावां थानाक्षेत्र स्थित अलीशाबाद निवासी रियासत अली, सीतापुर के खैराबार थानाक्षेत्र स्थित सकरारा निवासी दिनेश यादव व पिसावां क्षेत्र के फर्दापुर निवासी अनुज कुमार कोच अटेंडेंट हैं। पुलिस को दी तहरीर में रियासत ने लिखा है कि नवंबर 2019 में वह गोमती एक्सप्रेस से लखीमपुर जा रहे थे। एसी कोच में चिलुआताल क्षेत्र के बलुआ निवासी सेवानिवृत्त रेलकर्मी जितेंद्र त्रिपाठी से मुलाकात हुई।

बातचीत में खुद को रेलवे का कर्मचारी बताते हुए जितेंद्र ने कहा कि तुम्हारी नौकरी को परमानेंट करा दूंगा। इच्छा जताने पर अपना नंबर देते हुए गोरखपुर आकर बात करने के लिए कहा। मामले की जानकारी होने पर दिनेश व अनुज ने भी जितेंद्र से संपर्क किया। तीनों साथियों से कई बार में उन्होंने 40 हजार रुपये ले लिए। अक्टूबर 2021 में उन्होंने ज्वाइनिंग लेटर दिया जिसमें तीन साथियों समेत आठ लोगों का नाम था। कुछ दिन बाद जितेंद्र ने फोन कर बताया कि नियुक्ति कैसिंल हो गई है। नवंबर 2021 में उन्होंने यह कहते हुए दूसरा पत्र दिया कि एक व्यक्ति को 2.50 लाख रुपये देने होंगे।

मेडिकल कराने के लिए 16 जून को जितेंद्र ने तीनों को गोरखपुर रेलवे स्टेशन बुलाया। यहां उनकी मुलाकात रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी (परिचालन) के कार्यालय में लिपिक अनिल कुमार सिंह से करायी। बलिया जिले उभांव के हल्दीरामपुर निवासी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि 21 जून को सभी लोगों का मेडिकल होगा। संदेह होने पर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य कार्मिक कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है। प्रभारी निरीक्षक थाना कैंट शशिभूषण राय ने बताया कि कूटरचित दस्तावेज तैयार कर रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज कर आरपीएफ की मदद से आरोपितों को दोपहर गिरफ्तार कर लिया गया।

डीआइजी ने लंबित मामलों के निस्तारण में तेजी लाने का दिया निर्देश :

पुलिस उप महानिरीक्षक जे रविन्दर गौड ने साइबर थाने की टीम को लंबित मामले के निस्तारण में तेजी लाने का निर्देश दिया है। पुलिस उप महानिरीक्षक ने कहा कि साइबर थाने की टीम को बेहद सक्रियता अपनानी होगी। उसकी सक्रियता व मेहनत से ही साइबर ठगी के लंबित मामलों का निस्तारण होगा। पुलिस उप महानिरीक्षक ने साइबर थाने की स्थापना के दो वर्ष पूरे होने पर उसका निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने फाइलों का रखरखाव देखा। 

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