एंटी करप्शन टीम के बिछाए जाल में फंस गया घूसखोर दारोगा, रुपये लेते रंगेहाथ गिरफ्तार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. चिनहट कोतवाली के अंदर से एंटी करप्शन की ट्रैप टीम ने दारोगा प्रदीप यादव को पांच हजार रुपये की घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम ने प्रदीप यादव के खिलाफ गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। दारोगा प्रदीप ने दो भाइयों में मारपीट के मामले में कार्रवाई के नाम पर रुपयों की मांग की थी। दारोगा प्रदीप 2021 से चिनहट कोतवाली में तैनात हैं।
एंटी करप्शन टीम के मुताबिक बीते सात जून को चिनहट की गंगा विहार कालोनी में रहने वाले मनोज मिश्रा और उसके भाई मोहित में मारपीट हुई थी। अगले दिन आठ जून को मनोज ने भाई मोहित के खिलाफ मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
मामले की विवेचना इंस्पेक्टर ने दारोगा प्रदीप कुमार को दी थी। मनोज का आरोप है कि दारोगा प्रदीप ने मामले में भाई के खिलाफ कार्रवाई और धाराएं बढ़ाने के लिए 10 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। कई बार इस संबंध में प्रदीप ने उन्हें फोन भी किया। इस पर मनोज ने मामले की शिकायत एंटी करप्शन के दफ्तर में की। टीम ने सारी योजना बनाई और मनोज से दारोगा की बात कराई। जिसमें डील पांच हजार रुपये में तय हुई।
बुधवार को एंटी करप्शन की टीम मनोज को साथ लेकर चिनहट कोतवाली पहुंची। कोतवाली के बाहर मनोज को पांच हजार रुपये दिए। ट्रैप टीम ने दो सरकारी गवाहों के साथ मनोज को लेकर सादे कपड़ों में चिनहट कोतवाली पहुंची। यहां दारोगा प्रदीप को मनोज ने फोन किया।
दारोगा ने प्रदीप को सीसीटीएनएस रूम में बुलाया। जहां, मनोज ने दारोगा प्रदीप यादव को पांज हजार रुपये दिए। इस बीच टीम के सदस्य पहुंचे और दारोगा प्रदीप को रंगेहाथ घूस लेते दबोच लिया। टीम आरोपित दारोगा को इसके बाद गाजीपुर कोतवाली लेकर पहुंची। गाजीपुर में दारोगा प्रदीप यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।