अग्निपथ के विरोध की आड़ में उपद्रव करने वालों पर योगी सरकार सख्त, 475 गिरफ्तार, अब होगी वसूली
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. भारतीय सेना की नई भर्ती प्रक्रिया अग्निपथ के विरोध के दौरान प्रदेश में उपद्रव करने वालों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त कार्रवाई करेगी। विरोध प्रदर्शन की आड़ में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को जेल भेजा गया है, जबकि नुकसान की भरपाई भी उन्हीं से की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में अग्निपथ को लेकर बीते शुक्रवार से प्रदेश में कई शहर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। भारत बंद को देखते हुए आज पुलिस बेहद मुस्तैद थी। शहरों की गलियों में भी सिपाही तैनात थे। इसी कारण उत्तर प्रदेश में आज भारत बंद का कोई भी असर नहीं देखने को मिला।
अग्निपथ के विरोध में बीते चार दिन से प्रदर्शन तथा उपद्रव के मामले में पुलिस ने काफी सख्त कार्रवाई की है। प्रदेश में कई जगह पर आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में अब तक 475 आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। इनमें भी 330 लोगों के खिलाफ बेहद गंभीर धाराओं में अरेस्ट किया गया है। हर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ एक्शन होगा। इनसे वसूली भी कराई जाएगी। उत्तर प्रदेश के एडीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि भारत बंद को लेकर सुबह से पुलिस ने इंतजाम कर रखा था। प्रदेश में 141 कंपनी पीएसी तथा दस कंपनी अर्धसैनिक बल तैनात था। इसी कारण उत्तर प्रदेश में बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला।
आगरा में अग्निपथ योजना के विरोध में 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसके साथ अब तक 60 आरोपितों की गिरफ्तारी हुई है। इनमें दो कोचिंग संचालक भी हैं। आगरा में 160 कोचिंग सेंटरों को नोटिस भी जारी किया गया। यह कोचिंग सेंटर बिना बिना पंजीकरण चल रहे थे। गोरखपुर में अग्निपथ को लेकर आंदोलन का मैसेज डालने वाले एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने उसे 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है।
सेना के पास भी भेजे जाएंगे नाम:
अग्निपथ स्कीम को लेकर तोड़फोड़, आगजनी और उपद्रव करने वालों की सूची तैयार की जा रही है। हिंसा में जिन-जिन उपद्रवियों के नाम सामने आए हैं, उनकी सूची भारतीय सेना कार्यालय को भेजी जा रही है। वाराणसी के बार्डर पर भी सख्ती कर दी गई है। वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि तोड़फोड़ में हुए नुकसान की भरपाई गिरफ्तार 27 प्रदर्शनकारियों से की जाएगी। 17 जून को वाराणसी में उपद्रवियों ने 36 बसों में तोड़फोड़ की थी।
इसमें करीब 13 लाख रुपए का नुकसान हुआ था। इनमें परिवहन निगम वाराणसी क्षेत्र और वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की कुल 36 बसों में 21 बसें कैंट और 15 बसें वर्कशाप में थीं। इस हिंसा के दौरान करीब 150 उपद्रवी पथराव-डंडों से वार करते हुए बसों के शीशे, हेडलाइट और सीट क्षतिग्रस्त कर दिए। 27 उपद्रवियों के नाम, फोटो, वीडियो, एविडेंस सहित तैयार कराकर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए गठित दावा प्राधिकरण प्रयागराज को भेज दिया गया है.