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गाजीपुर जिले के 50 हजार इनामी बनारसी यादव को पुलिस ने गुजरात से किया गिरफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. वाराणसी एसटीएफ ने सोमवार सुबह 50 हजार के इनामी गैंगस्टर बनारसी यादव को वलसाड़ जिले के थाना उमरगांव क्षेत्रान्तर्गत गांधीवडी से दबोच लिया। गुजरात पुलिस की मदद से एसटीएफ ने गांधीवड़ी में दबिश दी और किराए पर मकान लेकर रहते बनारसी को गिरफ्तार कर लिया। 

खानपुर थाना के गौरहट निवासी बनारसी यादव पुत्र राजनाथ यादव 2015 में दिनदहाड़े हत्या के बाद वांछित चल रहा था। उस पर खानपुर, नंदगंज गाजीपुर और चोलापुर वाराणसी में लगभग 11 केस दर्ज हैं। गिरफ्तारी के बाद टीम उसे बनारस लेकर आ रही है, जहां कोर्ट में पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले में गाजीपुर पुलिस ने भी हत्यारोपी की रिमांड लेने की तैयारी शुरू कर दी है।

गाजीपुर के खानपुर के गौरहट निवासी बनारसी यादव पुत्र राजनाथ यादव का अपने पट्टीदार संतोष यादव से पुरानी आपसी रंजिश चली आ रही थी। इसी रंजिश के कारण वर्ष-2002 में उसने अपने भाई के साथ मिलकर संतोष यादव की लगभग 15 गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसकी इस वारदात से दहशत छा गई और अपराधी बने बनारसी को जेल भेजा गया। जमानत पर छूटकर आने के बाद वर्ष-2005 में सुनील यादव के साथ मिलकर जनपद वाराणसी के थाना चोलापुर क्षेत्रान्तर्गत तेवर गांव के रहने वाले टायर एजेन्सी के मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 

वर्ष-2006 में जनपद गाजीपुर के थाना सैदपुर क्षेत्रान्तर्गत अपने साथी अंगद यादव के कहने पर एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके उपरान्त वर्ष-2015 में जनपद गाजीपुर के थाना नन्दगंज क्षेत्रान्तर्गत अपने साथियों के साथ मिलकर कारबाईन से अन्धाधुन्ध फायरिंग कर दो लोगों की हत्या कर दी, इसमें 1 व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। 

इसके विरूद्ध अभियोग पंजीकृत हुआ था, जिसमें बनारसी यादव फरार होकर यूपी से बाहर चला गया। पुलिस ने तलाशी की और बाद में सरकार ने इसकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित। बनारसी यादव ने बनारस से गुजरात की ट्रेन पकड़ी और वलसाड में चाय फैक्ट्री में प्राइवेट नौकरी करने लगा। कई साल तक तो परिजनों या मित्रों से संपर्क भी नहीं किया। एसटीएफ इंस्पेक्टर राघवेन्द्र मिश्र के नेतृत्व में टीम गुजरात पहुंची और बनारसी यादव उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया।

चार साल से पहचान छिपाकर रहता था बनारसी

क्षेत्र के गौरहट निवासी एक लाख इनामिया हिस्ट्रीशिटर बनारसी यादव पिछले चार सालो से गुजरात के बालसाड़ मे मनोज यादव के नाम से रह रहा था। गिरवार कंपनी में अपनी पहचान छुपाकर मनोज यादव के नाम से काम कर रहा था। लेकिन सोमवार की सुबह बनारसी को गाज़ीपुर पुलिस व गुजरात पुलिस के मदद से गिरफ्तार कर लिया गया।

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