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परीक्षा पास कर 21 महिलाएं बनीं बस चालक, LMV और HMV का प्रशिक्षण लेने वाला बना पहचा बैच

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. परीक्षा पास कर 21 महिलाएं बस चालक बन गईं। यह देश में महिलाओं का पहला बैच है जिसने लाइट मोटर व्हीकल (LMV) व हैवी मोटर व्हीकल (HMV) की परीक्षा पास की है। अब इन महिलाओं को रोडवेज के डिपो में तैनात किया जाएगा। वहां 17 महीने गुजारने के बाद इनको मार्ग पर बस चलाने के लिए भेजा जाएगा।

कौशल विकास मिशन ने उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (upsrtc) के सहयोग से देश में पहली बार महिलाओं के लिए लाइट मोटर व्हीकल व हैवी मोटर व्हीकल का प्रशिक्षण देने की शुरुआत पिछले वर्ष महिला दिवस पर की थी। इसके लिए पूरे प्रदेश से 27 महिलाओं का चयन किया गया था। इनको रोडवेज के माडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षित किया जा रहा था।  पहले चरण में इनको 200 घंटे लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लेवल-3 का प्रशिक्षण दिया गया। 

इसमें सफल हुईं 25 महिलाओं को  हैवी मोटर व्हीकल (HMV) लेवल-4 का 400 घंटे का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें 22 महिलाओं ने सफलता पाई। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद 27 मई को इनकी परीक्षा ली गई। शुक्रवार को परीक्षा का परिणाम आया तो 21 महिलाएं इसमें सफल हुईं। प्रशिक्षण के दौरान इनको बस चलाने के साथ ही उसके कलपुर्जों की भी जानकारी दी गई।

इन महिलाओं ने फहराया सफलता का परचम

दिव्या द्विवेदी, सौम्या बाजपेई, विजय लक्ष्मी, अमिता कमल, श्वेता बाजपेई, वेदकुमारी, रत्ना मिश्रा, सोनू मालन, नैंसी गुप्ता, संगीता चौहान, भावना दीक्षित, गीता सिंह, यशी अवस्थी, उपासना त्रिपाठी, अंशिका दोहरे, आंचल सिंह, शालू पांडेय, रेखा, आज्ञा रावत, अंतिमा मिश्रा, प्रियंका कुमारी।

लाइट मोटर व्हीकल व हैवी मोटर व्हीकल का एक साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाला देश में महिलाओं का पहला बैच तैयार हो गया है। इस बैच की 21  महिलाओं ने परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। अब इनको 17 महीनों के लिए रोडवेज डिपो में तैनात किया जाएगा। - एसपी सिंह, प्रधानाचार्य, माडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट

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