CM योगी आजमगढ़ में 19 जून को करेंगे रैली, केंद्रीय मंत्री से लेकर विधायक तक आजमगढ़ में
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़/लखनऊ. उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीट पर हो रहें लोकसभा का यह उप चुनाव यूपी की सियासी दिशा तय करने वाला है। ये दोनों लोकसभा सीटें सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के लिए नाक का सवाल बनी हुई है।
लिहाजा दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। नेताओं की बड़ी फौज आजमगढ़ में कैम्प कर रही। आजमगढ़ को यादव परिवार की सीट माना जाता है। लिहाजा इस सीट पर 2019 का इतिहास दोहराने के लिए सीएम योगी खुद मैदान में उतर रहें है। कल यानी 19 जून को सीएम आजमगढ़ मे रैली करेंगे।
सीएम योगी संभालेंगे मोर्चा
19 जून को सीएम योगी आजमगढ़ में जनसभा करेंगे। इसके साथ ही दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक का भी रोड शो प्रस्तावित है। इसके अलावा भाजपा के दर्जनों नेता आजमगढ़ में दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को जिताने में जी जान से जुटे हुए है।
आजमगढ़ के कीले में सेंघ लगाने के लिए भाजपा ने अपने सरकार के केंद्रीय मंत्री से लेकर विधायक तक उतार दिए है। 2 केंद्रीय मंत्री गिरीश यादव और पंकज चौधरी, .योगी सरकार के करीब 5 मंत्री, 7 से ज्यादा आस-पास के सांसद, 20 से ज्यादा विधायक और संगठन के पदाधिकारी लगातार आजमगढ़ में चुनाव प्रचार और निरहुआ को जिताने के लिए काम कर रहें है।
इसके अलावा दिनेश लाल निरहुआ के समर्थन में तमाम भोजपुरी फिल्म कलाकार भी वही जमें हुए है। अभिनेत्री आम्रपाली दूबे जो नामांकन से ही जिले में डटी है, तो उनके साथ अभिनेत्री नगमा गिरी, अभिनेता प्रवेश लाल, मनोज सिंह टाइगर आदि भी अलग-अलग क्षेत्रों में निरहुआ के लिए प्रचार प्रसार कर रहे है।
आजमगढ़ में अखिलेश भी दे सकते है जवाब
सीएम योगी के बाद अखिलेश यादव भी आजमगढ़ में उतर सकते है। पार्टी सूत्रों की मानें तो अभी कार्यक्रम तय नही हुआ है, लेकिन अखिलेश यादव अपने प्रत्याशिों के पक्ष में आजमगढ़ और रामपुर में चुनाव प्रचार कर सकते है। हालांकि इससे पहले ही सपा ने रामपुर में अपने सभी सीनियार नेताओं को उतार दिया है। पूरा सैफई परिवार फिलहाल आजमगढ़ में ही है। खुद राम गोपाल यादव ने धर्मेंद्र यादव के लिए मोर्चा संभाला है। सपा के पूर्वांचल के सभी बड़े चेहरें फिलहाल आजमगढ़ में ही कैंप कर रहें है।
आजमगढ़ में अखिलेश की चुनौती
सपा जिस मुस्लिम- यादव यानी MY समीकरण के भरोसे चुनावी संघर्ष में आत्मविश्वास में रहती है, उसे अब आजमगढ़ में कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है। इस बार यहां भाजपा यादव वोटों को अपनी ओर करने में लगी है तो बसपा ने गुड्डू जमाली को मैदान में उतार मुस्लिमों को अपनी तरफ रिझाने में जुटी है। आजमगढ़ में शिवपाल सिंह यादव का भी काफी प्रभाव है। साल 2014 में उन्होंने आजमगढ़ में कैंप कर मुलायम सिंह यादव की जीत को सुनिश्चित की थी। इस बार अखिलेश ने इनकी नाराजगी भी जगजाहिर है।
कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव से शिवपाल की अनबन को देखते हुए धर्मेंद्र यादव अपनी तरफ से शिवपाल को मनाने में लगे हैं। धर्मेंद्र को पता है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में शिवपाल यादव की नाराजगी के चलते ही फिरोजाबाद में रामगोपाल यादव के पुत्र चुनाव हार गए थे।