आपराधिक घटनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी योगी सरकार, अफसरों को भी सजा देनें का निर्देश
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. सामूहिक हत्याकांड और थाने में दुष्कर्म सहित हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। सभी मामलों में कार्रवाई की गई है। साथ ही अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रदेशभर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से दो टूक कह दिया है कि घटनाओं में शिथिलता बर्दाश्त नहीं होगी। इनके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग द्वारा रविवार को योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कानून व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने मंडल, जोन, रेंज और जिलों के पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को और बेहतर किया जाए।
उन्होंने कहा कि महिला व बाल अपराधों में लिप्त अपराधियों को मजबूत पैरवी कर शीघ्र से शीघ्र अधिकतम ऐसी सजा दिलाने का प्रयास किया जाए, जो उदाहरण बने। लोगों में इन अपराधों के प्रति कड़ी सजा का खौफ हो। पाक्सो एक्ट में जिला स्तर पर प्रभावी पैरवी कर अधिकतम सजा दिलाने की दिशा में हुई कार्यवाही की नियमित समीक्षा का निर्देश अभियोजन विभाग को दिया गया है।
अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि जिला स्तर पर निगरानी समिति की बैठकें नियमित रूप से होनी चाहिए। उनमें अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयासों की समीक्षा हो। वहीं, चिन्हित माफिया व अपराधियाें के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए। साथ ही उनके खिलाफ न्यायालय में चल रहे अभियोगों में अतिशीघ्र चार्जशीट की प्रक्रिया पूरी कराते हुये अधिकतम सजा दिलाने का प्रयास किया जाए।
जिलों के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से कहा गया कि वह अपने फील्ड विजिट की संख्या को और बढ़ाएं। थाना व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं जाकर सही स्थिति का आकलन करें और एसओपी बनाकर पारदर्शी तरीके से कार्रवाई कराएं। इंटरनेट मीडिया पर नजर रखते हुए रिस्पांस टाइम को और अधिक बेहतर करें। उन्होंने यह भी कहा कि शासन स्तर से चिन्हित 50 माफिया पर हुई कार्रवाई की शासन व पुलिस मुख्यालय स्तर पर सघन समीक्षा की जा रही है।
माफिया व कुख्यात अपराधियों पर न्यायालयों में चल रहे मुकदमों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी कराने और पुलिस अधिकारियों की न्यायालयों में उपस्थिति भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराने का सुझाव दिया गया, जिस पर शासन द्वारा गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस अवसर पर सचिव, गृह तरुण गाबा, अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन आशुतोष पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एमके बशाल भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए दोगुणा लक्ष्य : अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह 14 मई को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत में पिछली लोक अदालत की अपेक्षा दोगुणा वादों को सुलह-समझौते के आधार पर निपटाने का गंभीरता से प्रयास करें। उल्लेखनीय है कि पिछली सभी लोक अदालतों में उत्तर प्रदेश वादों के निस्तारण में देश में पहले स्थान पर रहा है।