नारा लगाने पर पुलिस ने एक को पकड़ा, सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास, अफवाहों का बाजार भी गरम
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. अंजुमन इंतजमिया मसाजिद कमेटी की ओर से शुक्रवार के बाद शनिवार को ज्ञानवापी में सर्वे का विरोध करने में जुटे है। गेट नंबर चार के बाहर सड़क पर मुस्लिम समाज से जुड़े लोग काफी संख्या में जुटे और नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी करने वालों को पकड़कर ले गई पुलिस। वहीं भीड़ को लेकर पुलिस दालमंडी स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ाने के लिए पहुंची। आज सर्वे भी नहीं हो पाई।
नारा लगाने और सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया तो पुलिस सखत हो गई। शनिवार को अचनाक शाम चाबर बजे नमाजी नमाज के लिए पहुंचे तो पुलिस ने वापस किया। इस दौरान इस्लामिक नारे भी लगाए गए। नारेबाजी कर रहे युवकों को पुलिस ने समझा कर वापस भी किया। इस बीच ज्ञानवापी पहुंचे मुस्लिम पक्ष के वकील का कहना है कोर्ट ने उनकी आपत्ति को स्वीकार कर लिया है इसलिए वह आज सर्वे का बहिष्कार करेंगे।
चप्पे-चप्पे पर फोर्स, छतों से भी निगरानी
वादी पक्ष ने अपनी सुरक्षा को लेकर कमिश्नरेट के पुलिस अधिकारियों से चिंता जताई थी। ऐसे में उन्हें पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। साथ ही अंजुमन इंतजमिया मसाजिद कमेटी द्वारा सर्वे का विरोध करने की घोषणा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन काफी संजीदा थी। शुक्रवार के बाद शनिवार को भी पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश के निर्देश पर समीपवर्ती दस थानों की फोर्स के साथ बड़ी संख्या में पीएसी व सीआपीएफ के जवान की तैनाती श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर गेट नंबर चार के अंदर तथा बाहर तैनात की गई। ज्ञानवापी मस्जिद के चारों ओर पूर्व में तैनात पुलिसकर्मियों के अलावा अतिरिक्त फोर्स की भी तैनाती की गई। वहीं मुख्य मार्ग से लगायत समीप की गलियों तथा संवेदनशील क्षेत्रों में भी पुलिस चक्रमण कर रही है। मकान की छतों पर भी पुलिस तैनात थी।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का मुख्य द्वार (गेट नंबर चार) से प्रवेश बंद कर दिया गया था। उन्हें ढुंढिराज मार्ग से दर्शन के लिए भेजा जा रहा था। पुलिस आयुक्त खुद सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करने पहुंचे थे। मंदिर परिक्षेत्र समेत संवेदनशील क्षेत्रों में सादे वेश में खुफिया तंत्र को सक्रिय किया गया था। नमाजियों में भी सादे वेश में पुलिसकर्मी मौजूद थे। खुफिया कर्मी छोटी से छोटी सूचनाओं से लगातार अपने अधिकारियों को अवगत कराते देखे गए।
सर्वे को लेकर दूसरे दिन भर अफवाहों का बाजार गरम था। इंटरनेट मीडिया पर जिस तरह से खबरें परोसी जा रहीं थी, उससे लोग एक दूसरे से पूछते दिखाई पड़े कि कहीं कुछ हुआ है क्या। गलियों से एक वर्ग के लोग बराबर हालचाल ले रहे थे। मोबाइल फोन पर भी लोग गतिविधियों की जानकारी लेते रहे।