गर्भाशय के कैंसर के लिए बन रहा टीका, 3 महीने में होगा उपलब्ध : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल
गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा महिलाओं की मौत कैंसर से हो रही हैं। इसमें गर्भाश्य का कैंसर सबसे अधिक है। भारत सरकार की ओर से इस रोग के रोकथाम के लिए वैक्सीन बनाई जा रही है। अगस्त तक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगा।
वह बुधवार को चंदौली जिले के नौगढ़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में आयोजित प्रदर्शनी में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रहीं थी। कहा कि खुशी है कि हमारे वन में रहने वाले वनवासी भाई बहनों से मिलने का अवसर मिला। वनवासियों के उत्थान के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कुपोषित बच्चों का ध्यान देना होगा। कहा कि गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सभी को आगे आना होगा। जिसका स्वास्थ्य अच्छा था वह कोरोना में बच गया। कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ खेल में भी रुचि लेनी चाहिए। यह हम सभी का दायित्व है कि बच्चों के रुझान को हम खेल के प्रति बढ़ाएं। बच्चों को लिखने-पढ़ने का साधन उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है।
प्रसव सरकारी अस्पताल में ही होना चाहिए। इसमें गर्भवती माता को जो पांच हजार रुपये मिलता है, उसका सही इस्तेमाल होना चाहिए। हमारे प्रधान कुपोषित बच्चों की चिंता करते है। प्रदेश में टीवी के 85 हजार बच्चों को गोद लिया गया है। इसके लिए पूरे गांव को आगे आने की जरूरत है ताकि बच्चे स्वस्थ हो सकें। केवल पंचायत घर में कुर्सी पर बैठना ठीक नहीं है। जनता से पूछा की आपका गोल्डन कार्ड बना है कि नहीं, शौचालय का उपयोग हो रहा कि नहीं। ग्राम प्रधानों से अपेक्षा है कि वे आगे आएं और जनता के हित में कार्य करें। कहा कि बेटा और बेटी में भेद नहीं होना चाहिए। बेटियां अपने परिवार के लिए कड़ी मेहनत करती हैं।
उन्होंने बाल विवाह पर रोक लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण बाल विवाह है। प्रदर्शनी के बारे कहा कि उन्होंने प्रदर्शनी देखी, हमारे किसान अच्छा कर रहे हैं। सरकार भी किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयासरत है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से कहा कि वह जेम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराएं। इसका उन्हें लाभ मिलेगा। अस्पताल में अपने स्वजनों के साथ उनके बच्चे भी आते हैं। ऐसे बच्चों के लिए अस्पताल में खेलकूद व खाने-पीने के सामान उपलब्ध कराया जाना चाहिए। साथ ही दीवारों पर अच्छा लेखन कराया जाए ताकि बच्चे पढ़ सकें। यदि बच्चा बीमार है तो ठीक होने पर खेलकूद सकता है। इसके लिए उन्होंने डीएम से व्यवस्था करने को कहा है। प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों के स्टाल लगाकर योजनाओं की जानकारी दी जा रही थी।