वाट्सएप ग्रुप में वायरल आपत्तिजनक वीडियो पर भिड़े शिक्षक, तीन निलंबित
गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली. चंदौली जिले के चकिया विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय हाजीपुर में वाट्सएप ग्रुप में आपत्तिजनक वीडियो वायरल करना शिक्षकों के लिए महंगा पड़ गया। प्रभारी प्रधानाध्यापक समेत तीन को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। आरोप है कि वीडियो वायरल करने के बाद शिक्षकों ने अपमानजनक टिप्पणी व आपस में विवाद किया।
इस मामले को लेकर कुछ शिक्षक कोतवाली पहुंच गए। पुलिस ने शिक्षा विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी दी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने जांच में वायरल वीडियो को लेकर हुए विवाद की पुष्टि के बाद प्रधानाध्यापक प्रकाशचंद गांधी के अलावा शिक्षक शशांक मिश्र व इमरान अली के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया।
बीएसए ने बताया कि शिक्षकों ने आपस में वाट्सएप ग्रुप बनाया है। इसमें पूर्व माध्यमिक विद्यालय नीबी खुर्द के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रकाशचंद्र गांधी ने पांच मई को आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर दिया। इस वीडियो पर प्रावि, हाजीपुर के शिक्षक शशांक मिश्र व कंपोजिट विद्यालय गनेशपुर के इमरान अली ने अशोभनीय शब्दों का प्रयोग करते हुए एक-दूसरे पर टिप्पणी की। इस पर इमरान हाजीपुर स्कूल में पहुंच गए। आरोप है कि कक्षा में घुसकर शशांक से हाथापाई व गाली-गलौज किया।
इससे घंटों पठन-पाठन प्रभावित रहा। शशांक के पक्ष में कुछ शिक्षक कोतवाली पहुंच गए। बीएसए को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी सदर व बरहनी को मामले की जांच सौंपी। टीम ने स्कूल पहुंचकर तीनों शिक्षकों से बयान लिया और वायरल वीडियो का अवलोकन किया। इसके बाद टीम की संस्तुति पर निलंबन की कार्रवाई की गई। इस अवधि में शशांक को महादेवपुर, इमरान को बैरा व प्रकाशचंद्र को उतरौत विद्यालय से संबंद्ध किया गया है।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली के शाहीनबाग में आंदोलन की आड़ में मादक पदार्थ के धंधे से जुड़ा वीडियो शिक्षक ने ग्रुप में वायरल कर दिया। इस पर विवाद इस कदर बढ़ गया कि वह सभी आपस में भिड़ गए। विभाग ने इस मामले को गोपनीय रखने का पूरा प्रयास किया। बीते पांच मई को तीनों शिक्षकों के निलंबन का आदेश जारी हो गया, लेकिन हैरत की बात यह है कि चकिया के बीईओ को इस पूरे मामले की जानकारी नहीं हो सकी।
बीएसए, चंदौली सत्येंद्र सिंह ने बताया कि तीनों शिक्षकों वाट्सअप ग्रुप में आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने, आपस में हाथापाई, उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने व शिक्षक आचरण सेवा नियमावली का उल्लंघन करने का आरोप है। इंटरनेट मीडिया का उपयोग सावधानी पूर्वक करने के लिए शिक्षकों को हिदायत दी गई है। इसके साथ ही सभी बीईओ को निगरानी का निर्देश दिया गया है।