रेलवे के क्रासिंग की निगरानी के लिए रखे जाएंगे 705 पूर्व सैनिक, जल्द होगी नियुक्ति
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. पूर्वोत्तर रेलवे के क्रासिंग (ऐसे समपार फाटक जहां रेलकर्मी तैनात नहीं हैं) की निगरानी के लिए 705 पूर्व सैनिक रखे जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने भरोसा जताते हुए समपार फाटकों की जिम्मेदारी फिर से पूर्व सैनिकों के कंधों पर सौंप दी है।
लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में 600 क्रासिंग पर नहीं हैं रेलकर्मीइसके लिए एक साल का अनुबंध (करार) बढ़ा दिया है। लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में अभी भी करीब 600 ऐसे समपार फाटक हैं, जहां रेलकर्मी तैनात नहीं है।
ऐसे होगी इनकी तैनाती
रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे के समपार फाटकों पर कुल 3744 पूर्व सैनिकों को तैनात करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। पूर्व सैनिक जेम पोर्टल के माध्यम से मई 2023 तक लिए मानदेय पर रखे जाएंगे।
रेलकर्मियों की स्थाई तैनाती होने तक जिम्मेदारी निभाएंगे पूर्व सैनिक
जानकारों का कहना है कि समपार फाटकों पर जबतक रेलकर्मियों की तैनाती नहीं हो जाती, तबतक संरक्षा की जिम्मेदारी पूर्व सैनिकों के कंधों पर ही रहेगी। वैसे भी रेलवे प्रशासन ओवर ब्रिज और अंडरब्रिज का निर्माण कर समपार फाटकों को पूरी तरह बंद करना शुरू कर दिया है।
पूर्व सैनिकों की तैनाती से दुर्घटनाओं पर लगा पूरी तरह से अंकुश, पिछले तीन साल से सुरक्षित हैं क्रासिंग
समपार फाटकों पर पूर्व सैनिकों की तैनाती से दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगा है। पूर्वोत्तर रेलवे में पिछले तीन साल से एक भी परिणामी दुर्घटना नहीं हुई है। 26 अप्रैल 2018 को तमकुही रोड और दुदही स्टेशन के बीच अनमैंड क्रासिंग (मानव रहित) पर हुई भीषण दुर्घटना में 13 नौनिहाल असमय काल के गाल में समा गए थे। इस भयावह दुर्घटना ने रेलवे की आंखें खोल दी और महज छह माह में ही पूर्वोत्तर रेलवे के 633 अनमैंड क्रासिंग को व्यवस्थित कर दिया गया। भारतीय रेलवे के अनमैंड क्रासिंग पर पूर्व सैनिकों की तैनाती कर उन्हें संरक्षित कर किया जा रहा है।