Today Breaking News

अब रेलवे स्टेशन पर एक हजार रुपये में 15 दिनों तक सामान बेच सकेंगे हुनरमंद, जानें रेलवे की नई पालिसी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. एक स्टेशन एक उत्पाद पालिसी में हुनरमंद अपने उत्पाद रेलवे स्टेशनों पर मामूली लाइसेंस फीस देकर बेच सकेंगे। उनको 15 दिनों तक अपने उत्पादों के स्टाल लगाने के लिए एक हजार रुपये फीस देना होगा। रेलवे बोर्ड ने एक स्टेशन एक उत्पाद योजना की पालिसी शनिवार को जारी कर दी है। रेलवे बोर्ड के निदेशक पर्यटन व कैटरिंग सुमित सिंह ने सभी जोनल मुख्यालयों को पालिसी जारी कर दी है।

आम बजट में एक स्टेशन एक प्रोडक्ट (ओएसओपी) की घोषणा हुई थी। इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहले गोरखपुर और वाराणसी सहित कुछ महत्वपूर्ण स्टेशनों पर शुरू किया गया था। जिसे बाद में देश भर के कई स्टेशनों पर लागू करने का निर्णय लिया गया। इसे लेकर रेलवे बोर्ड ने पालिसी बना दी है। एक स्टेशन एक उत्पाद प्रोजेक्ट में हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल व हैंडलूम, पारंपरिक वस्त्र,स्थानीय कृषि उत्पाद को प्रमुखता से स्थान दिया जाएगा।

डीआरएम को स्टेशन और वहां के स्थानीय उत्पादों की लिस्ट को स्वीकृत करना होगा।ओएसओपी में फिक्स्ड स्टाल, कियास्क, मोबाइल व पोर्टेबल स्टाल के साथ ट्राली से सामान बेचे जा सकेंगे। बुनकर व हस्तशिल्पियों के पास हैंडीक्राफ्ट विकास आयुक्त, हैंडलूम विकास आयुक्त व इसी के समकक्ष राज्य और भारत सरकार की अथारिटी की ओर से जारी पहचान पत्र होना चाहिए। वहीं हुनरमंदों का पंजीकरण ट्राइबल कोआपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन आफ इंडिया (ट्राइफेड),नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएचडीसी) और खादी व ग्रामीण औद्योगिक आयोग (केवीआइसी) में होना चाहिए।

स्वयं सहायता समूहों का पंजीकरण प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) में होना चाहिए। ओएसओपी के लिए स्टेशनों पर एक बाक्स लगाया जाएगा। जहां हुनरमंद अपने आवेदन जमा कर सकेंगे। पात्रों के चयन के लिए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक के आदेश पर स्टेशन मास्टर व स्टेशन मैनेजर के साथ एक स्टैंडिंग कमेटी बनेगी। नगद के अलावा डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जाएगा। रेलवे बोर्ड के तय मानकों का उल्लंघन करने पर इस आवंटन को 24 घंटे के भीतर निरस्त किया जा सकेगा।

'