ट्रेन में अकेले सफर करने वाली महिला यात्री की मददगार बनेगी मेरी सहेली, IRCTC से जुड़ा 182 हेल्पलाइन नंबर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली. कई महिलाओं को रेल में अकेले सफर करने में डर लगता है। जिसका कारण है सफर के दौरान होने वाली असुविधाएं व असामाजिक तत्वों द्वारा पैदा होने वाली परेशानियां। लेकिन अब महिलाओं को अकेले सफर करने में डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि महिलाओं की सुरक्षा के लिए मेरी सहेली टीम का गठन किया गया है तथा टीम को और मजबूत व सशक्त बनाने के लिए आइआरसीटीसी से भी सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 182 को आइआरसीटसी से जोड़ा गया है, जिससे आसानी से महिलाओं का डाटा टीम को उपलब्ध होगा। इसके बाद ट्रेन के स्टेशन पहुंचने पर टीम उनका कुशलक्षेम पूछेंगी। अब महिला यात्री बेफ्रिक व निडर होकर सफर कर सकेंगी।
इस व्यवस्था से महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं पर भी रोक लगेगी। ट्रेन में अकेले सफर करने वाली महिला यात्रियों को काफी परेशानी होती है। कई बार चलती ट्रेनों में छेडख़ानी की घटनाएं हो चुकी हैं। इस तरह के मामलों ने रेलवे की परेशानी बढ़ा रखी थी। इसलिए रेलवे ने एक नई योजना शुरू की है। मेरी सहेली टीम वैसी महिला पैसेंजर जो ट्रेन में अकेले सफर कर रही हों, उनकी सुरक्षा का अब पूरा ख्याल रखेगी। आरपीएफ की महिला अफसर और जवान सहेली के रूप में काम करेंगी। यह टीम महिला यात्रियों को जागरूक भी करेगी। गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद अगले रेल मंडल को महिला यात्री की जानकारी आरपीएफ द्वारा दी जाएगी, ताकि अंतिम स्टेशन तक महिला यात्री सुरक्षित पहुंच सके।
जोन व मंडल से मिलेगी सूची
182 हेल्पलाइन नंबर से जुड़ जाने से इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) ट्रेनों में सफर करने वाली महिलाओं की सूची तत्काल जोन व मंडल का उपलब्ध करा देगी। फिर मेरी सहेली टीम के पास डाटा पहुंचेगा। इससे पहले महिलाओं की जानकारी टिकट का चार्ट बन जाने के बाद होती थी, लेकिन नई व्यवस्था से आसानी होगी। टीम आप कहां जा रही हैं, आपका अनुभव कैसा रहा, किसी ने परेशान करने की कोशिश की, पानी, सफाई या ऐसी कोई और समस्या तो नहीं रही, कुछ ऐसे भी सवाल आरपीएफ महिला कर्मचारी महिला रेल यात्रियों से उनकी सहेली बनकर पूछतीं नजर आएंगी।
तीन दिन में सौ की हुई मदद
यह नई सुविधा अभी तीन दिन पूर्व ही शुरू हुई है। इन तीन दिनों में आरपीएफ मेरी सहेली टीम ने अकेली सफर कर रही सौ से अधिक महिलाओं की मदद की है। टीम के जिम्मे 20 से 21 ट्रेनों को जांच करने की जिम्मेदारी है। इनमें राजधानी, एक्सप्रेस, दूरंतो सहित अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों में सफर करने वाली महिलाओं से रोजाना हालचाल पूछा जा रहा है।
मेरी सहेली टीम का कार्य सराहनीय
महिलाओं को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मेरी सहेली टीम का कार्य सराहनीय है। महिला यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता है।-आशीष मिश्रा, आरपीएफ कमांडेंट, पीडीडीयू मंडल