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धमकी दिए जाने के प्रकरण में अब्बास अंसारी और उमर अंसारी की जमानत याचिका खारिज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/मऊ. मऊ जिले के अपर व सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं. तीन/विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए दिनेश कुमार चौरसिया ने गुरुवार को सदर विधायक अब्बास अंसारी व उनके भाई उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी सुनवाई के बाद खारिज कर दी। यह मामला बीते विधानसभा के चुनावी जनसभा में प्रशासन को चुनाव बाद अपनी सरकार बनने पर उन्हें अपने पदों पर रोककर हिसाब-किताब करने व सबक सिखाने की मंच से धमकी दिए जाने का है। मामले में जमानत अर्जी पर बचाव पक्ष व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राणा प्रताप सिंह के तर्कों को सुनने व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र का है।

अभियोजन के अनुसार तीन मार्च 2022 को ढ़ाई बजे वादी मुकदमा उपनिरीक्षक गंगाराम विंद क्षेत्र में भ्रमण के लिये निकले थे। पहाड़पुर मैदान पहुंचे तो देखा कि भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के सदर विधानसभा प्रत्याशी अब्बास अंसारी, छोटे भाई उमर अंसारी व आयोजक मंसूर अहमद 150 अज्ञात व्यक्ति की भीड़ एकत्रित कर प्रशासन को चुनाव बाद रोककर हिसाब-किताब करने व सबक सिखाने की धमकी मंच से दे रहे थे। 

यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। मामले में आरोपित गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के दर्जीटोला युसूफपुर निवासी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के पुत्र सदर विधायक अब्बास अंसारी व उमर अंसारी की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह द्वारा दी गई थी। इसे सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ने खारिज कर दिया।

पूर्व में चुनाव के समय से ही यह प्रकरण खूब चर्चा में रहा है। चर्चा में रहने के दौरान ही मऊ जिले में मुकदमा दर्ज होकर भी अब्‍बास अंसारी ने चुनाव में जीत हासिल कर लिया था। आखिरकार जीत हासिल करने के बाद भी सपा की सरकार न बनने के बाद से ही अब्‍बास कोर्ट के चक्‍कर काट रहे हैं। अब इस मामले में गुरुवार को सदर विधायक अब्बास अंसारी और उनके भाई उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी सुनवाई के बाद खारिज कर दी गई।

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