गाजीपुर मुक्ति धाम का मनोज सिन्हा ने वर्चुअल किया लोकार्पण, श्मशानघाट गाजीपुर सुन्दरीकरण एवं जिर्णोद्धार की 4 करोड़ है लागत
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुक्ति धाम के सुन्दरीकरण एवं जिर्णोद्धार के कार्यक्रम में मै स्वयं उपस्थित रहना चाहता था, लेकिन समय की परिस्थितियों के कारण यह संभव नहीं हो पाया है। यह बात बुधवार की देर शाम को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने वर्चुअली शिलापट्ट का अनावरण कर कही। दरअसल गाजीपुर के गंगातट पर रजागंज मोहल्ले रिलांयस फाउंडेशन ने 4 करोड़ 10 लाख की लागत से श्मशानघाट (मुक्ति धाम) का निर्माण करवाया है। इस नवनिर्माण एवं जिर्णोद्धार और सुदंरीकरण कार्यों के लोकापर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
शिलापट्ट का किया अनावरण
शिलापट्ट का अनावरण करते हुए मनोज सिंहा ने कहा कि सनातन धर्म की व्यवस्था में यज्ञोपवीत सहित विवाह के साथ-साथ मृत्यु को भी एक संस्कार कहा गया है। जन्म और मृत्यु को सत्य के रूप मे जाना जाता है। मृतक के अंतिम यात्रा मे शामिल लोगों को सुविधा मिले। क्योंकि मुक्तिधाम एक ऐसा स्थल है। जहां मनुष्य क्षणभंगुरता और जीवन के सच्चाई के प्रति सोच और गम्भीर होता है। उन्होंने कहा कि मुक्तिधाम पर गरिमापूर्ण अंत्येष्टि के विचारों के निहितार्थ इस कार्य को पहले ही पुर्ण हो जाना था।
सुविधाओं से लैस है गाजीपुर श्मशान घाट
कोरोना काल के कारण लगभग डेढ वर्ष विलम्ब हुआ है। उन्होंने इस कार्य के लिए रिलायंस फांउडेशन के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया। आगे कहा कि अपनी तरह का यह पहला मुक्ति स्थल है। जहां अंत्येष्टि के मानवाधिकार को सुरक्षित रखने का प्रयास सहित शुद्ध पेय जल, सुविधा सम्पन्न शवदाह स्थल, विश्राम स्थल, शौचालय सहित सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी है।
उन्होंने यहां गंगा तट के खाली जमीन पर पौधों के रख रखाव के साथ ही सुरक्षा और संरक्षा के लिए एक समिति के गठन पर बल दिया और कहा कि इस स्थान की स्वच्छता कैसे बनी रहे, यह चुनौती है। इसे कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने करते हुए कहा कि गाजीपुर के इस मुक्तिधाम पर सभी सुविधाएं मनोज सिन्हा जी के प्रयास से संभव हुई है। जहां जनपद ही नहीं बल्कि आस पास के जनपदों के लोग भी आते रहते हैं। मुक्ति धाम पर चकाचक सजावट सहित कार्यक्रम के लिए व्यवस्था थी। जगह-जगह मनोज सिन्हा का आदमकद कट आउट लगाया गया था।