कागजों में मिल रहा दाल-चावल और तेल, हकीकत में सिर्फ दलिया - Ghazipur News
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने का दावा तो किया जाता है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। स्थिति तो यह है कि अधिकांश केंद्रों पर लाभार्थियों को दलिया ही उपलब्ध कराकर इतिश्री कर ली जाती है, जबकि कागजों में वितरण के नाम पर दलिया के साथ-साथ चना की दाल, तेल और चावल की मात्रा का भी उल्लेख किया जाता है। संबंधित विभाग वितरण निगरानी और शिकायतों के निस्तारण का दावा तो करता है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
जिले में संचालित करीब चार हजार 147 आंगनबाड़ी केंद्रों में अधिकांश पर वितरण प्रणाली की स्थिति ठीक नहीं है। दुबिहा संवाददाता के अनुसार बाराचंवर विकासखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खस्ता है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में ज्यादातर केंद्रों पर बच्चों और गर्भवती माताओं को योजना का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकांश केंद्रों के अपने भवन नहीं हैं, एक भवन में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं।
गर्भवती महिलाओं और नौनिहालों को कुपोषण मुक्त करने एवं पुष्टाहार वितरण आदि में दिक्कतें आती है। सुपरवाइजर फूलमती भारती ने बताया कि विभाग का प्रयास है की गांवों में धात्री महिलाओं और नौनिहालों की देखभाल समय-समय पर होती रहे और नौनिहालों में कुपोषण न हो इसके लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
सरकार की तरफ से पंजीकृत बच्चों से ज्यादा बच्चों के केंद्र पर पहुंचने से दिक्कतें हो रही है। इसके समाधान के लिए प्रयास किया जा रहा है। वितरण प्रणाली पूरी पारदर्शिता के साथ रखी गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप पांडेय ने बताया कि वितरण प्रणाली की निगरानी की जाती है। इसके लिए टीम लगाई गई है। शिकायत आने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
आंगनबाड़ी केंद्र से पुष्टाहार में दलिया, चने की दाल तो वितरित होती है, लेकिन तेल और चावल का वितरण शायद ही होता है। अगर शासन की ओर से यह सुविधाएं दी जा रही है, तो उपलब्ध कराना चाहिए- काजल देवी, निजामुद्दीनपुर
कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर तो शायद ही पुष्टाहार वितरण होता हो। सबसे बड़ी बात तो यही है शिकायत के बावजूद भी स्थिति जस की तस बनी रहती है- रंजीत, दुल्लहपुर
गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पुष्टाहार देने का प्रावधान तो है, कुछ लाभार्थियों में बांटा जाता है और शेष इधर-इधर बिक्री कर कागजों में वितरण को पूर्ण दिखा दिया जाता है- वीरेंद्र कुमार, हुसनपुर
तेल और चावल का वितरण नहीं किया जाता है। सिर्फ पुष्टाहार के नाम पर दलिया, चना की दाल ही उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में सरकार की मंशा के अनुरूप लाभ पात्रों को नहीं मिल रहा है--वीरेंद्र गौतम, सराय गोकुल