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लेखपाल केदारनाथ बने IAS, आईआईटीयन अर्पित ने 23 की उम्र पाई 54वीं रैंक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. यूपीएससी सिविल सर्विसेज 2021 की परीक्षा में गोरखपुर के होनहारों ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। एक साथ तीन युवाओं ने यूपीएससी की परीक्षा में चयनित होकर इतिहास रच दिया है।

चयनित होने वालों में दो आईआईटीयन और एक लेखपाल शामिल हैं। इसमें सहजनवा के अर्पित गुप्ता ने महज 23 वर्ष की उम्र में 54वां रैंक प्राप्त कर टॉप 100 में स्थान बनाया है। सैनिक विहार निवासी दिव्यांश शुक्ल ने 153वीं रैंक हासिल कर टॉप 200 में स्थान पक्का किया है।

आईआईटीयन दिव्यांश को मिला 153वीं रैंक 

सैनिक बिहार, नंदानगर निवासी दिव्यांश शुक्ल को यूपीएससी में 153वीं रैंक मिली है। आईआईटी बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद वे सीसीएल झारखंड में इंजीनियर थे। लेकिन उनकी राह कहीं और थी। उन्होंने उसके बाद भी तैयारी नहीं छोड़ी। दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी क्लीयर कर लिया। केन्द्रीय विद्यालय नंबर 1 में उनके पिता सुभाष चन्द्र शुक्ल रसायन विज्ञान के शिक्षक हैं। इंटरमीडिएट तक की उनकी शिक्षा वहीं से हुई।आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग की। दिव्यांश शुक्ल ने कहा कि कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है।

महज 23 वर्ष की उम्र में अर्पित को मिली सफलता

यूपीएससी में 54वीं रैंक हसिल कर टॉप 100 में स्थान बनाने वाले सहजनवा नगर पंचायत निवासी अर्पित कुमार गुप्ता बचपन से ही पढ़ने में मेधावी रहे हैं। यूपीएससी की तैयारी का संकल्प लिया तो टॉपरों के वीडियो और साक्षात्कार ने उन्हें जुनूनी बना दिया। अर्पित की शुरुआती शिक्षा सहजनवा के नवल्स एकेडमी में हुई। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट उन्होंने जीएन नेशनल पब्लिक स्कूल से किया। आईआईटी रूड़की से बीटेक किया। बीटेक के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में उन्होंने टॉप 100 में आकर इतिहास रच दिया। उनके पिता नरेंद्र पाल गुप्ता रेलवे के अवकाश प्राप्त सीनियर इंस्पेक्टर हैं। मां उषा गुप्ता गृहिणी हैं। 23 वर्ष की उम्र में यह सफलता हासिल करने वाले अर्पित से बड़ी चार बहनें हैं।

लेखपाल को यूपीएससी में मिली 465वीं रैंक

गोरखपुर सदर तहसील में तैनात हरपुर बुदहट के सुगौना गांव निवासी लेखपाल केदारनाथ शुक्ल को यूपीएससी में 465वीं रैंक मिली है। किसान ओंकारनाथ शुक्ल व कालिंदी देवी के 9 बच्चों में केदारनाथ सबसे छोटे हैं। केदारनाथ ने प्रारंभिक शिक्षा नवोदय विद्यालय पीपीगंज से ग्रहण की। इसके बाद इग्नू से बीए किया। वर्ष 2016 में लेखपाल की परीक्षा उत्तीर्ण की व सदर तहसील में तैनाती मिली। चयन के बाद उन्होंने कहा कि मेरे लिए रैंक मायने नहीं रखता। यहां केवल चुना जाना ही टॉप करने के बराबर होता है। तैयारी के लिए ज्वांइट मजिस्ट्रेट कुलदीप मीना व सुमित महाजन ने मदद की, जिससे राह आसान हुई। उन्होंने सफलता का श्रेय इन अधिकारियों के साथ माता-पिता, बहनों, रिश्तेदारों व गुरुजनों को दिया है।

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