सैदपुर यूनियन बैंक में किसी ने बेटी की शादी के लिए तो किसी ने हिफाजतन रखी थी पुस्तैनी थाती
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सैदपुर यूबीआइ शाखा (Saidpur Union Bank) के लाकरों से हुई चोरी ने ग्राहकों का आर्थिक नुकसान तो किया ही है, उनके अरमानों व स्मृतियों को भी तार-तार कर दिया है। बैंक के लाकर में रखे गहनों की चोरी का पता चलते ही गृहणियों के आंखों से आंसू निकल गए, वे बैंक को कोस रही हैं। बोलीं कि जब बैंक में जेवर सुरक्षित नहीं है तो अब कहां रखें हम लोग।
चोरों ने वैसे तो बैंक के पांच लाकरों को तोड़ा है लेकिन एक लाकर खाली था लेकिन शेष चार लाकर भरे हुए थे। इन लाकरों में किसी ने अपनी सास के दिए गए गहनों को संभालकर रखा था तो किसी ने अपनी बेटी को दुल्हन बनाने के लिए जेवर खरीदकर सुरक्षित किया था। चोरों ने एक ही झटके में सबके अरमानों पर पानी फेर दिया। मुड़ियार गांव निवासिनी सीता सिंह पत्नी स्व. अनिल सिंह माफिया त्रिभुवन सिंह की चचेरी बहू हैं। उन्होंने अपनी बेटी शिवानी की शादी की तैयारी शुरू कर दी थी, इसके लिए उन्होंने जेवर भी खरीदा था और उसे लाकर में रखा था।
सीता सिंह ने बताया कि लाकर में उनका स्वयं का गहना के अलावा बेटी की शादी के लिए खरीदा गया जेवर और एक-दो रिश्तेदार व करीबियों का भी गहना रखा हुआ था जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपये से ज्यादा की थी। कहा कि बैंक में गहना रखकर बेफिक्र थी लेकिन मुझे क्या पता था कि यहां से भी चोरी हो जाएगा। इतना कहते हुए सीता की आंखें भर आईं, ऐसा लग रहा था कि उनके बेटी की शादी का अरमान आंसूओं के माध्यम से निकल रहा था।
नगर के मेन रोड निवासिनी लोहा व्यवसायी जयप्रकाश विश्वकर्मा की पत्नी भारती विश्वकर्मा ने लाकर में अपनी व अपने सास की स्मृतियों को संभालकर रखा था। जयप्रकाश विश्वकर्मा लोहे का कारोबार करते हैं, जैसे ही उन्हें लाकर से जेवर चोरी होने का पता चला तो उन्होंने भारती को बताया। इसका पता चलते ही भारती विश्वकर्मा के आंखों से आंसू निकल गए। बैंक पहुंचीं भारती विश्वकर्मा ने बताया कि लाकर में उनके शादी के गहनों के अलावा उनके सास द्वारा उपहार स्वरूप दिए गए गहने और खानदानी गहने रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि एक किग्रा से ज्यादा सोने व चांदी के गहने थे।
बहुत से भारी गहने थे जिसकी कीमत अब करीब 70 लाख रुपये होगी। उन्होंने बताया कि कई वर्षों पहले लाकर लेकर उसमें जेवर रखा था। घर पर असुरक्षित महसूस होता था लेकिन यहां से भी चोरी हो गया। मेरी कोई गलती नहीं है मुझे तो बैंक से अपना गहना चाहिए।
वार्ड आठ निवासी श्यामसुंदर लाल गुप्ता ने बताया कि करीब 15 वर्ष पहले ही मैंने 10-12 लाख रुपये का जेवर रखा था जिसकी कीमत अब 20 लाख रुपये के आसपास हो गई होगी। बैंक में इस तरह का वारदात हो जाएगी, इसका कोई अंदाजा नहीं था। बिदुमति देवी के लाकर में कितना गहना था इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है और यशवंत सिंह का लाकर खाली था।
आइजी ने बुलाया चंदौली क्राइम ब्रांच
कुछ माह पहले चंदौली में इसी तरह की घटना हुई थी, जिसकी जांच चंदौली की क्राइम ब्रांच टीम कर रही है। आइजी के. सत्यनारायण ने चंदौली की क्राइम ब्रांच टीम को बुलाकर जांच करने का निर्देश दिया। पुलिस टीम के अलावा गाजीपुर व चंदौली की क्राइम ब्रांच की टीम छानबीन में जुट गई है।
पीछे मिले जूते के निशान :- बैंक की छत पर चोरों ने जेवर निकालने के बाद छोटे-छोटे बैग वगैरह फेंक दिया था। छत पर चांदी के पान की दो पत्ती मिली। इसके अलावा बैंक के पीछे बाड़ा में जूते के निशान मिले, जिसको घेरा बनाकर छोड़ा गया है।