गाजीपुर में केले की खेती के लिए किसानों की लगी पाठशाला
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. प्रगतिशील किसानों के समूह ने रेजिडयू-फ्री केले की खेती के लिए किसानों की पाठशाला लगाई। कम खर्च में एक दशक तक केले की फसल प्राप्त करने की तकनीक बताए। रविवार को अवथही के आक्सफोर्ड इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित पाठशाला में महाराष्ट्र से आए किसान गणेश ने बताया कि केले की खेती के लिए सबसे पहले गहरी जोताई करें।
उसके बाद लगभग एक महीने तक छोड़ दें। एक एकड़ में लगभग तीन से पांच ट्राली गोबर की खाद डालें। इसके बाद नाली और पाली बना दें। नाली चौड़ी और पाली पतली हो। पौधे से पौधे की दूरी नौ फीट और एक कतार से दूसरे कतार की दूरी पांच फीट हो। पौधे को इस प्रकार लगाएं कि वह जेड आकर का बने। पौधे को हमेशा नमी युक्त पाली पर लगाएं। 10 हजार पीपीएम का नीम तेल लेकर 200 लीटर पानी में 100 मिली डालें या 20 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी में डालें।
इसके बाद उसमें गन्ने का रस और गोमूत्र डाल दीजिए। गोमूत्र को अगर एक वर्ष के लिए धूप में रख दिया जाय तो वह एक बड़ा एंटी फंगस और पेस्टी साइट्स है। पाठशाला में विकासशील किसान दिवाकर राय, जितेंद्र राय, पंकज राय, झब्बल राय, मनीष राय, भानुप्रताप, अप्पू, मनीष, राधेश्याम राय अरुण आदि मौजूद रहे।