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किसान के बेटे ने पा ही ली मंजिल, BHU के छात्र आनंद सिंह बने IAS

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इतिहास के मेधावी छात्र रहे आनंद सिंह ने दूसरी बार संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में बाजी मारी है। आनंद को इस परीक्षा में 206वीं रैंक मिली है।

आनंद बहराइच के सिंहपुर गांव निवासी किसान मधुरेश सिंह के द्वितीय पुत्र हैं। हाईस्कूल 63 फीसद अंकों से उत्तीर्ण करने के बाद लखनऊ से वर्ष 2013 में गणित वर्ग में इंटर 72 फीसद अंकों से पास हुए। तभी तय कर लिया कि सिविल सेवा में जाना है, इसके लिए बीएचयू में बीए किया। यहां से 72 फीसद अंकों के साथ 2016 में बीए की पढ़ाई पूरी की। एमए के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय गए, लेकिन कोर्स पूरा करने की बजाय तैयारी में लग गए। आठ-दस घंटे कठिन स्वाध्याय करने वाले आनंद कभी-कभी टेस्ट देने के लिए विजन आइएएस कोचिंग में जाया करते थे। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने से सामान्य ज्ञान की तैयारी के लिए विजन आइएएस के ही टेस्ट पेपर्स व नोट््स और समसामयिक तैयारी के लिए दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण का सहारा लिया।

संसद टीवी पर डिबेट्स भी देखते थे। कहते हैं कि इससे समसामयिक मुद्दों पर राय बनाने में सहायता मिलती रही। वर्ष 2020 में भी 533वें स्थान पर सफल हुए और चयन भारतीय राजस्व सेवा के लिए हुआ, लेकिन उन्होंने ज्वाइन न कर तैयारी में लगे रहे। अंतत: धैर्य के साथ की गई कड़ी मेहनत रंग लाई और 2021 की परीक्षा में 206वां स्थान पाकर आइएएस बनने में सफल रहे।

सफलता का श्रेय दिया बड़े भाई को

बातचीत में आनंद ने बताया कि पिता शुद्ध रूप से किसान हैं और मां उमा सिंह गृहणी। बड़े भाई अनुज सिंह फिल्मी दुनिया में काम करते हैं। उन्होंने हमेशा हौसला बढ़ाया और आर्थिक संबल बने। आज जो कुछ भी हूं बड़े भाई के स्नेह, सहयोग और माता-पिता के आशीर्वाद से।

आर्थिक स्थितियों का बहाना न बनाएं, रास्ता निकालें

आनंद सिंह ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे युवाओं को संदेश दिया कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए आर्थिक स्थिति को बहाना न बनाएं, रास्ता निकालें। मैंने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए होम ट््यूशन किया। धैर्यपूर्वक कठिन परिश्रम से मंजिल अवश्य ही मिलेगी।

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