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मानसून की दस्तक से पहले उत्तर प्रदेश में गहरा सकता है बिजली का संकट, जानें क्या है वजह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मानसून के मौसम में बिजली उत्पादन करने के लिए पर्याप्त कोयले का संकट खड़ा हो सकता है। कारण है कि इस समय जितना घरेलू कोयला विद्युत उत्पादन निगम को मिलना चाहिए उतना नहीं मिल पा रहा है। इस बीच राज्य सरकार महंगा विदेशी कोयला न खरीदने का भी निर्णय कर चुकी है।

उत्पादन निगम की बिजली उत्पादन यूनिटों के लिए प्रतिदिन 15 से 17 रैक कोयला चाहिए होता है लेकिन अभी 11 से 12 रैक कोयला ही मिल रहा है। गौर करने की बात है कि पिछले महीने कोयले की 9-10 रैक ही मिलने से बिजली का उत्पादन घट गया था। राज्य सरकार द्वारा केंद्र से अनुरोध किए जाने पर प्रतिदिन एक-दो रैक कोयले की उपलब्धता बढ़ी है लेकिन अभी भी मानसून के मद्देनजर पर्याप्त कोयले के स्टाक के लिए प्रतिदिन चार-पांच रैक कम कोयला आपूर्ति हो रहा है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक एनटीपीसी के पास सबसे ज्यादा कोयला है जबकि राज्यों की उत्पादन यूनिटों के पास कोयले की उपलब्धता मानक के अनुसार नहीं है। इसके लिए केंद्रीय रेल मंत्रालय व कोयला मंत्रालय जिम्मेदार है। वर्मा ने कहा कि यदि कोटे के अनुसार कोयले की रैक नहीं मिली तो फिर एक बार कोयले का संकट खड़ा हो सकता है जिससे बिजली का उत्पादन प्रभावित होगा। बता दें कि इस बार गर्मी की शुरुआत में ही कोयले की कमी के चलते यूपी में बड़ा बिजली संकट था, लेकिन योगी सरकार ने बढ़िया प्रबंधन से बहुत जल्द बिजली व्यवस्था ठीक कर ली।

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