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जिला अस्पताल घूस मामले पर ब्रजेश पाठक सख्त, आरोपित कर्मी बर्खास्त, बेटे के इलाज के लिए मां ने बेचे थे जेवर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से इंसानित को शर्मशार कर देने वाला मालमा सामने आया है। महोबा जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने बेटे के इलाज के लिए बेवस मां को जेवर बेचने को मजबूर कर दिया। बीमार बेटे के इलाज के एवज में बुजुर्ग विधवा मां को अस्पताल के कर्मचारियों को पांच हजार रुपये की रिश्वत देनी पड़ी। जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सख्त नाराजगी जताई, जिसके बाद आरोपित को बर्खास्त कर दिया गया।

महोबा जिला अस्पताल में बेटे को खून चढ़ाने के नाम पर एक बुजुर्ग महिला से पांच हजार रुपये वसूलने वाली वार्ड आया राजकुमारी को बर्खास्त कर दिया गया है। सोमवार को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सख्त नाराजगी जताते हुए संबंधित मंडल के अपर निदेशक को मामले में उचित कार्रवाई कर चार दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए। आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी और वार्ड आया को घूस लेने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया।

करीब एक हफ्ते पहले महोबा जिले के भड़रा गांव में रहने वाली बुजुर्ग महिला रामकुमारी ने अपने बेटे जुगुल को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। उनसे दो सौ रुपये भर्ती के लिये गए। महिला स्वास्थ्य कर्मी ने उनके बेटे को खून चढ़ाने की बात कही। अस्पताल में खून न होने की स्थिति में उनसे पांच हजार रुपये ऐंठ लिए।

यह पांच हजार रुपये बुजुर्ग महिला ने अपने जेवर बेचकर दिए। यही नहीं जिला अस्पताल में हर दिन सौ रुपये ठीक से उपचार करने के नाम पर भी लिए गए। इसके बाद भी कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने इस पूरी रकम को हजम करने के लिए ग्लूकोस की बोतल में लाल रंग डाल दिया।

बीमार बेटे की हालत बिगड़ते देख मां ने विरोध किया तो अस्पताल प्रशासन ने युवक को जिला अस्पताल से रेफर कर दिया। फिलहाल मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। यही नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चरखारी में स्वास्थ्य कर्मियों की शिथिल कार्यशैली व लापरवाही की भी जांच होगी।

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