ब्राह्मण जाति नहीं सनातन जीवन पद्धति : डा. दयाशंकर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. ब्राह्मण जाति नहीं सनातन जीवन पद्धति है। भगवान परशुराम ने अपने जीवन-दर्शन से इस सिद्धांत को प्रतिपादित किया था। ब्राह्मणत्व का उद्देश्य सर्व समाज के कल्याण के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनैतिक उन्नति है। भारत की सनातन संस्कृति की रक्षा के साथ जीवन के मूल सिद्धांतों को स्थापित करने में इसकी महति भूमिका है। परशुराम के जीवन-दर्शन का अनुकरण ही समाज व देश को उन्नति की राह पर प्रतिस्थापित करेगा। उक्त बातें लंका मैदान सभागार में आयोजित ब्राह्मण जनसेवा मंच की ओर से परशुराम जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री दयाशंकर मित्र दयालु ने कही।
उन्होंने ब्राह्मण समाज की एकता पर बल देते हुए सर्व जन हिताय के लिए कार्य करते हुए अपनी सभ्यता व संस्कृति को अक्षुण रखने पर बल दिया। नौ ब्राह्मण संगठनों के पदाधिकारियों ने स्वागत किया। भगवान परशुराम की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ज्योतिषाचार्य दीपक दुबे व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे ने ब्राह्मण समाज की एकता पर बल देते हुए शीक्षा पर जोर दिया। अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री विजय मिश्र ने नौ जवानों का आह्वान किया कि वह ज्ञान व शक्ति के माध्यम से समाज की सेवा करें। अंबिका दुबे, बागीश, मनीष पांडेय, अनिल पांडेय, अमित पांडेय, सीता राम उपाध्याय, विवेकानंद पांडेय आदि रहे।
वहीं एसएस पीजी कालेज में स्वामी सहजानंद सरस्वती स्मृति न्यास से प्रवर्तित ब्रह्मर्षि जागरण मंच के तत्वावधान में शास्त्री नगर मुहल्ले में आयोजित कार्यक्रम में डा. व्यास मुनि राय ने कहा कि भगवान परशुराम अन्याय और अत्याचार का विरोध करते हुए ब्राह्मणों को शस्त्र के साथ शास्त्र का भी वरण कर आवश्यकता के अनुसार उनके उपयोग करने की व्यवस्था अपनाने का निर्देश दिया है। बैंक कर्मी दिनेश चंद्र शर्मा ने कार्यक्रम में समा बाधा तो मुख्य वक्ता डा. मांधाता राय ने अपने सारगर्भित उद्बोधन प्रस्तुत किए। संचालन मारुति कुमार राय ने किया।
मुहम्मदाबाद में भगवान श्री हरि विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती पर उनका पूजन-अर्चन करने के बाद उनके चित्र पर पुष्पार्चन कर लोगों ने उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। भाजपा नेता विरेन्द्र राय ने कहा कि वास्तव में वह भगवान शिव के परमभक्त थे और न्याय के देवता भी। इसलिए उनके जीवन संघर्षों से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
परशुराम जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की मांग
कासिमाबाद में भारतीय ब्राह्मण समिति के तत्वावधान में भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर सार्वजनिक अवकाश की मांग की गई। मुख्य अतिथि पीजी कालेज के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. पं. श्रीकांत पांडेय ने ब्राह्मण की समाज में गिरावट एवं हो रही उपेक्षा का उल्लेख करते हुए अपने पूर्व स्थिति में लौटने के लिए प्रयास करने पर जोर दिया।