वाराणसी में मंदिर परिसर की दुकान और आवास का देना होगा टैक्स
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी नगर निगम प्रशासन ने मंदिरों को गृहकर से मुक्त करने की कवायद शुरू कर दी है। शासनादेश के अनुसार जोनवार मंदिरों की सूची तैयार की जा रही है। इसमें मठों को भी शामिल किया गया है जिसके परिसर में मंदिर की स्थापना हुई है। जोनल अफसरों की ओर से इस सप्ताह मंदिरों की सूची बनाकर नगर आयुक्त प्रणय सिंह के समक्ष प्रस्तुत करने की पूरी उम्मीद है। इससे पहले नगर निगम गृहकर मुक्ति के लिए होमवर्क कर रहा है।
नगर निगम अधिनियम का अध्ययन किया जा रहा है। इसमें गृहकर वसूली को लेकर पूजा स्थलों के लिए उल्लेखित बिंदुओं को आधार बनाया जा रहा है। अब तक के होमवर्क में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ मंदिरों को ही गृहकर से मुक्त किया जाएगा। यदि मंदिर परिसर में दुकानों का संचालन हो रहा है तो उन्हें व्यावसायिक गृहकर देना होगा।
ऐसे ही यदि मंदिर परिसर में आवास है तो उन्हें आवासीय श्रेणी में बने स्लैब के अनुसार गृहकर वसूली की जाएगी। यदि मठ के अंदर मंदिर है तो सिर्फ मंदिर को ही गृहकर से मुक्त किया जाएगा। मठ को आवासीय श्रेणी में रखते हुए गृहकर का मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें एक बिंदु छूट के लिए शामिल किया जा रहा है जिसके तहत यदि मठ दान के धन से संचालित है तो दानदाता के आयकर के अनुरूप ही गृहकर में छूट प्रदान की जाएगी। आदेश के तहत टैक्स देने या नहीं देने के सभी पक्षों की समीक्षा की जा रही है।
मंदिरों को गृहकर मुक्ति के लिए नगर आयुक्त ने सूची बनाने के लिए आदेशित कर दिया है
मंदिरों को गृहकर मुक्ति के लिए नगर आयुक्त ने सूची बनाने के लिए आदेशित कर दिया है। इसके लिए कर विभाग मुक्ति व छूट के बिंदुओं को अधिनियम के अनुसार अध्ययन में जुटा है।-पीके द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी