वाराणसी में रोपवे परियोजना में निवेश के सापेक्ष कम आय से रुके कंपनियों के कदम, जानें क्या है दिक्कत
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. रोपवे की परियोजना को लेकर एक बारगी फिर निविदा नहीं खुली। पीपीपी माडल पर आकार लेने वाला यह प्रोजेक्ट कंपनियों को रास नहीं आ रहा है। बार-बार तिथि बदलने के बाद भी कंपनियों ने कदम नहीं बढ़े। इसके अब शासन से सुझाव मांगा गया है जिसके आधार पर परियोजना को आकार देने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। फिलहाल, कंपनियों के पीछे हटने की मुख्य वजह है कि निवेश के सापेक्ष कम आय होना।
राजस्व आधारित प्रोजेक्ट का जो मानक रखा गया है उसमें निवेश के सापेक्ष कम से कम सात फीसद आय होनी चाहिए। इसी मानक पर खरा नहीं उतरने पर पूर्व में बनी मेट्रो परियोजना को हरी झंडी नहीं मिल सकी थी। रोपवे परियोजना में भी यही संकट छाया है। जिन कंपनियों ने परियोजना निर्माण के लिए निमंत्रण स्वीकार किया था उनके लिए 410 करोड़ का निवेश बड़ा नहीं है लेकिन इसके सापेक्ष आय का मानक सटीक नहीं बैठ रहा। हालांकि,
वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से कंपनियों की आपत्तियों को साझा नहीं किया जा रहा लेकिन समझा जा रहा है कि राजनीतिक दबाव में रोपवे का जो रूट बदला गया था उसमें कंपनियों को आय की संभावना कम लग रही है। रोपवे का पहले प्रोजेक्ट का रूट कैंट के इंग्लिशिया लाइन से होते हुए मलदहिया, लहुराबीर, बेनियाबाग से गिरजाघर तक था जिसे जनप्रतिनिधियों समक्ष जब प्रस्तुत किया गया तो शहर के तीनों विधानसभा क्षेत्रों से गुजारने की मंशा ने आय प्रभावित हो गया।
बदला रूट कैंट के इंग्लिशिया लाइन से होते हुए सिगरा, रथयात्रा, लक्सा से गिरजाघर तक कर दिया गया। चूंकि, पहले रूट पर सड़क मार्ग से तीन व चार पहिया वाहनों की सुविधा सिर्फ बेनियाबाग तक मिलती है जिससे यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होना संभावित है जबकि दूसरे रूट पर आटो, कार व नगर बस सेवा भी संचालित है।
प्री- बिड आई थीं ये कंपनियां
-ईसीएल मेनेजमेंट एसडीएनडीएचडी
-डोपल्मेयर
-एफ़आइएल
-पोमा
-एक्रान इंफ्रा
-एजीस इंडिया
-कनवेयर एंड रोप-वे सिस्टम
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
-प्रस्तावित रूट : गोदोलिया से कैंट रेलवे स्टेशन के मध्य
-प्रस्तावित रूट की लंबाई 3.65 किमी
-प्रस्तावित यात्रा समय (एंड-टू-एंड) 15 मिनट
-कुल केबल ट्राली कार 220, प्रत्येक कार में 10 व्यक्तियों की क्षमता
-90 से 120 सेकेंड के अंतराल पर ट्राली कार की उपलब्धता
-एक तरफ से एक समय में 4500 व्यक्तियों को यात्रा की सुविधा
-कुल प्रस्तावित स्टेशन चार
-जमीन से 11 मीटर ऊंचाई पर प्रत्येक स्टेशन
-परियोजना लागत 410.30 करोड़ रुपये