दरगाह परिसर की खोदाई में निकलीं शनिदेव व हनुमानजी की मूर्तियां, लोगों ने शुरू कर दी पूजा-अर्चना
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के एटा जिले कि जलेसर में छोटे मियां-बड़े मियां की दरगाह परिसर में खोदाई के दौरान शनिदेव और हनुमान की दो मूर्तियां निकलीं। प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को सूचना देने के बाद अगले आदेश तक खोदाई का काम रोक दिया है। दरगाह स्थल व जलेसर कस्बे में फोर्स तैनात कर दिया गया है। वहीं, खबर पाकर जुटे श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी है।
जलेसर कस्बा के हसायन मार्ग पर छह बीघा में दरगाह है। परिसर के एक कोने में छोटे मियां-बड़े मियां की मजार हैं। मजार से करीब 40 फीट आगे विश्राम गृह है। विश्राम गृह के पास पुलिस चौकी के निर्माण के लिए शुक्रवार को श्रमिक दोपहर में खोदाई कर रहे थे। करीब चार फीट खोदाई के बाद मिट्टी में सनी काले रंग की दो फीट की शनिदेव और डेढ़ फीट की हनुमानजी की प्रतिमा निकलीं।
श्रमिकों ने इसकी सूचना एसडीएम को दी। खबर पाकर आसपास के लोगों की भी भीड़ लग गई। श्रद्धालुओं ने शनिदेव का तेल से अभिषेक भी किया और पूजा-अर्चना शुरू कर दी। इसके बाद प्रशासन ने मूर्तियों को विश्राम स्थल में रखवा दिया। शांति व्यवस्था बनाए रखने को यहां पुलिस फोर्स तैनात कर धारा 144 लगा दी है।
जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल ने बताया, मूर्तियां कितनी पुरानी हैं, इसके लिए पुरातत्व विभाग को लिखा गया है। फिलहाल खोदाई रोक दी गई है। अधीक्षण पुरातत्वविद आगरा सर्किल राजकुमार पटेल ने बताया, फोटो के आधार पर मूर्ति कितनी पुरानी है यह नहीं बताया जा सकता है। मंगलवार को वह स्वयं या टीम को भेजकर इसका परीक्षण कराएंगे।
30 साल पहले हुआ था दरगाह का जीर्णोद्धार : छोटे मियां-बड़े मियां दरगाह पर बुधवार और शनिवार को जात (मेला) होती है, आम दिनों में पांच हजार से दस हजार तक लोग आते हैं। उर्स के दौरान लाखों लोगों की भीड़ आती है। यह दरगाह आजादी से पूर्व की बताई जाती है। इसके अंदर दीवारों पर घोड़ों की आकृति बनी हुई है। 30 वर्ष पूर्व दरगाह का जीर्णोद्धार कराया गया था।
99 करोड़ के गबन के बाद सुर्खियों में है दरगाह : हाल ही में दरगाह कमेटी द्वारा 99 करोड़ के गबन किए जाने का पर्दाफाश हुआ था। दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अकबर अली समेत नौ पदाधिकारियों के खिलाफ गबन की जलेसर कोतवाली में एफआइआर दर्ज है। कमेटी के सदस्यों की संपत्ति की जांच चल रही है। प्रशासन ने दरगाह को अपने कब्जे में लेकर रिसीवर की नियुक्ति कर दी है, तब से प्रशासन की देखरेख में ही जात हो रही है। गबन का मामला सामने आने से पहले जलेसर क्षेत्र के ग्राम प्रधान शैलेंद्र सिंह राजपूत, पूर्व प्रधान हुड्डो देवी समेत 12 ग्रामीणों ने शपथ पत्र देकर दरगाह स्थल पर शनि मंदिर होने का दावा किया था।