रक्षा मंत्रालय और इसरो के लिए IIT बीएचयू में 150 करोड़ रुपये से बनेगा रिसर्च पार्क
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पहले हम अत्याधुनिक हथियार और टेक्नोलाजी के लिए रूस, अमेरिका व इजरायल पर निर्भर थे। अब देश में ही रक्षा क्षेत्र से जुड़े उत्पाद तैयार होने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर लखनऊ में डिफेंस कारिडोर खुला। इसी के तहत प्रदेश सरकार की ओर से दो भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों आइआइटी (बीएचयू) वाराणसी व आइआइटी कानपुर को नालेज पार्टनर बनाया गया है।
टेक्नोलाजी, रक्षा उत्पाद के निर्माण में मदद प्रदान करने के लिए IIT बीएचयू में सेंटर मालवीय सेंटर आफ एक्सीलेंस फार डिफेंस खुला है। इसमें कार्य भी शुरू हो गया है। यहां से प्रीसिजन इंजीनियरिंग (मशीनों की डिजाइनिंग से संबंधित), उत्पादन में सहयोग दयाि जा रहा है। देश की एक कंपनी ने बूलेट प्रूफ जैकेट का उत्पादन शुरू किया है, जिसके मैटेरियल टेस्टिंग का काम शुरू हो चुका है।
संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने बताया है कि यहां पर सेंटर मालवीय सेंटर आफ एक्सीलेंस फार डिफेंस एक रिसर्च पार्क बनाया जाएगा। इसके लिए दो स्थनों संस्थान के गेस्ट हाउस व एलटी-3 के पास स्थल का चयन किया गया है। दोनों में से कोई एक जगह का चयन कर कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए सरकार को 150 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। इस पार्क में एक इसरो का भी सेंटर रहेगा। हालांकि, इस रिसर्च पार्क के बनने के पहले ही यहां पर वर्कशाप के पास एक दूसरे भवन में सेंटर शुरू कर दिया गया है।
संस्थान के डीन प्रो. राजीव प्रकाश ने बताया कि पीएम मोदी की पहल पर देश के दो राज्यों उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु में डिफेंस कारिडोर खुला है। इसी के तहत लखनऊ में मिसाइल फैक्ट्री भी बनाई जा रही है। फैक्ट्रियों को टेक्नोलाजी व ट्रेनिंग के लिए आइआइटी बीएचयू व कानपुर में सेंटर खोला गया है। यहां सेंटर करीब दो साल पहले शुरू हुआ। सेंटर के माध्यम से डिफेंस कारिडोर के कंपनियों को तकनीकी, स्किल डेवलपमेंट, मैनपावर आदि की मदद दी जाएगी। इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार ने 69 करोड़ राशि स्वीकृति की है। इसमें से 12 करोड़ राशि प्राप्त हो चुकी है।