ओमवती की छोटी सी कोशिश ने रंग दिखाया और टल गई अनहोनी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. ओमवती ने यह सुन रखा था कि लाल रंग का कपड़ा दिखा देने से कोई भी चलती हुई ट्रेन रुक जाती है। बस इतनी सी जानकारी के आधार पर एटा से टूंडला जा रही एक पैसेंजर ट्रेन को ओमवती ने सूझबूझ से दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा दिया। दरअसल एक स्थान पर टूटी पटरी देखकर इस महिला ने लाल साड़ी का पल्लू लहराया, जिसे संज्ञान में लेते हुए लोको पायलट ने टेन रोक दी। इसके बाद पटरी की मरम्मत कराई गई, तब जाकर ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हो सकी।
अच्छी बात यह थी कि ओमवती लाल साड़ी पहने हुए थी। अगर वह टूटी पटरी के पास ही खड़ी रहती तो हो सकता था कि ट्रेन न रुक पाती, इसलिए आगे जाकर रोकने का फैसला किया। विभिन्न संगठनों ने रेल मंत्री से मांग की है कि ओमवती को उसकी सूझबूझ की खातिर समुचित इनाम दिया जाए। इस घटना के बाद गुलरिया गांव हर्षित है। ग्रामीणों को प्रसन्नता है कि ओमवती की छोटी सी कोशिश ने रंग दिखाया।
मुख्यमंत्री की पहल : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में राजभवन के पास काफिला रुकवा कर पीछे से आती एंबुलेंस को आगे निकालने का आदेश दिया। यह बात संज्ञान में आने पर मरीज और उसके परिवार वालों के मन में कृतज्ञता का भाव अवश्य जागा होगा। ऐसे उदाहरण कभी ही देखने को मिलते हैं। आए दिन किसी न किसी चौराहे पर जाम में फंसी एंबुलेंस के हूटर की आवाज भी लोगों को नहीं सुनाई देती है। यातायात पुलिस भी ऐसे में स्वयं को असहाय पाती है। एंबुलेंस में या तो कोई गंभीर मरीज होता है या फिर वह किसी ऐसे मरीज को लेने के लिए जा रही होती है जो जीवन और मृत्यु से जूझ रहा होता है।
विगत वर्ष जून में कानपुर में जाम में फंसी एंबुलेंस में सवार बीमार महिला की जान चली गई थी। इस घटना के लिए कानपुर पुलिस को माफी भी मांगनी पड़ी थी। वस्तुत: सवाल जागरूकता का है। राहगीर यदि स्वयं एंबुलेंस निकलने के लिए रास्ता बना दें तो जिंदगी और मौत से जूझते मरीजों को बचाया जा सकता है। निसंदेह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस छोटी सी पहल ने बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया है।