मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब है, प्रशासन नहीं दे रहा इलाज, हो सकती है मौत: अधिवक्ता
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बांदा. बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक माफिया डॉन मुख्तार अंसारी से आज मुलाकात करने और वकालत नामा पर साइन कराने अधिवक्ता लियाकत अली पहुंचे. लगभग 1 घंटे तक अंसारी से मुलाकात करने के बाद है वह बाहर आए और मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में जान का खतरा है. वह बीमारियों से ग्रसित है और जेल प्रशासन सही इलाज नहीं करा रहा. एडवोकेट अली का आरोप है कि मुख्तार की कभी भी हत्या या मौत हो सकती है.
मुख्तार की सुरक्षा को लेकर लगाए ये आरोप
बाहुबली पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली ने बताया कि वह कोर्ट के आदेश के बाद वकालतनामा पर मुख्तार के साइन लेने आए थे. इसी दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मुख़्तार अंसारी को जान का खतरा है. आरोप लगाया कि बांदा जेल में माफिया मुख्तार अंसारी की हत्या करने की साजिश रची जा रही है और लखनऊ की MP MLA कोर्ट मे पेशी वक्त भी मुख्तार अंसारी की सुरक्षा में खिलवाड़ किया गया है. काफिले में चार से 5 पुलिसकर्मी थे, जो कि मुख्तार अंसारी की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े करता है. जिस गाड़ी में सुरक्षाकर्मी थे, वो गाड़ी भी खराब हो गई.
गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज था केस
गाजीपुर में माफिया मुख्तार अंसारी के ऊपर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. इसको लेकर मामला कोर्ट में पहुंचा और फिर कोर्ट के आदेश पर अधिवक्ता ने आज बांदा जेल मे मुख़्तार अंसारी से वकालतनामा पर साइन कराने के साथ पूरे मामले की जानकारी ली है.
अभी तक लागू नहीं की गई यह व्यवस्था: अधिवक्ता
अधिवक्ता का कहना है कि मुख्तार अंसारी से बात करते वक्त जब उनकी हालत देखी, तो पता लगा कि मुख्तार के पैर फूल गए हैं. शुगर हाई लेवल, ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है. उनका आरोप है कि बांदा जिला और जेल प्रशासन, न्यायालय के आदेश की भी अवहेलना कर रहा है. कोर्ट के आदेश की मानें तो जेल में बंद कोई भी व्यक्ति अपने पैसे से अपना इलाज और अपना खानपान कर सकता है, लेकिन यहां पर जेल मैनुअल में यह व्यवस्था मुख्तार अंसारी के लिए अब तक लागू नहीं की गई है.
पूर्व विधायक होने के नाते रखना चाहिए था विशेष ध्यान
लियाकत अली का कहना है कि नियम 277 के तहत भी हाईकोर्ट ने ऑर्डर दिया था कि मुख्तार अंसारी पूर्व विधायक है, उसके स्वास्थ्य और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए. लेकिन उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है. वहीं, यह आरोप भी लगाया है कि कोर्ट में पेशी के वक्त ले जाते कभी भी मुख्तार अंसारी की हत्या हो सकती है.
मुख्तार के विरोधी उसकी जान लेने का प्रयास कर रहे
बृजेश सिंह त्रिभुवन सिंह ने मुख्तार अंसारी सहित नौ लोगों पर जानलेवा हमला किया था, जिसमें मुख्तार की गाड़ी और काफिले में सवार लगभग 9 लोगों को गोली लगी थी. इसके बाद से ही मुख्तार के विरोधी लगातार उसकी हत्या की साजिश रच रहे हैं. अगर मुख्तार अंसारी की सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई तो बांदा जेल के अंदर या पेशी के लिए ले जाते वक्त, मुख्तार के दुश्मन उसकी हत्या कर सकते हैं. अधिवक्ता का आरोप है कि पुलिस प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही है और वह अंसारी की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं.